scriptनिकाय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया के विरोध में आए मंत्री | Minister came against the election process of the local body | Patrika News

निकाय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया के विरोध में आए मंत्री

locationजयपुरPublished: Oct 18, 2019 01:03:46 am

Submitted by:

Vijayendra

खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने उठाए सवाल : कहा इससे कार्यकर्ता और संगठन कमजोर होगापरिवहन मंत्री खाचरियावास के यहां पहुंचे कार्यकर्ता, कहा ऊपर तक पहुंचाएं हमारी बात

निकाय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया के विरोध में आए मंत्री

नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा

जयपुर. कोटा
निकाय अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया में बदलाव की अधिसूचना जारी होते ही मंत्रियों का विरोध सामने आने लगा है। महापौर, पालिका अध्यक्ष और चेयरमैन के चुनाव की नई प्रक्रिय्रा पर खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने विरोध जताया है।
मीणा ने नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल से सरकार के इस फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है। वहीं, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर गुरुवार को बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे और उन्होंने फैसले पर विरोध जताया। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने निकाय अध्यक्ष बनने के लिए पार्षद होने की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी। बुधवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक जो व्यक्ति किसी निकाय में पार्षद बनने की योग्यता रखता है, वह उस निकाय के अध्यक्ष पद पर भी दावेदारी कर सकता है।

पैराशूटर्स बनेंगे अध्यक्ष, निर्वाचित पार्षदों को नहीं देंगे तवज्जो

सवाल : आपका विरोध किस बात को लेकर है?
रमेश मीणा : 2009 में निकाय अध्यक्षों के सीधे चुनाव हुए। अब नियमों में संशोधन कर चुनाव प्रक्रिया को अप्रत्यक्ष कर दिया। नए नियमों के अनुसार कोई भी निकाय अध्यक्ष बन सकता है। ऐसे में जो वर्षों से मेहनत कर रहे हैं, उनमें निराशा आएगी। इससे कार्यकर्ता और संगठन कमजोर होगा।
सवाल : सरकार ने सबकुछ सोच समझ कर किया होगा?
रमेश मीणा : जो व्यक्ति सीधे निकाय अध्यक्ष बनेगा उसे पता ही नहीं होगा कि एक पार्षद बनने के लिए कितनी मेहनत करनी होती है।
सवाल : कार्यकर्ताओं की क्या शिकायत है?
रमेश मीणा : जमीनी स्तर से जो फीडबैक आया है, उसके अनुसार जो सीधे निकाय अध्यक्ष बनेगा वह पैराशूटर्स की तरह होगा। वह निर्वाचित पार्षदों की जगह उसे ज्यादा महत्त्व देगा जिसने उसे निकाय अध्यक्ष बनावाया है।
सवाल : सरकार से क्या कहना चाहेंगे?
रमेश मीणा : कार्यकर्ताओं के फीडबैक के आधार पर धारीवाल को नए नियमों पर पुनर्विचार करना चाहिए।

निकाय अध्यक्ष के दावेदारों की पात्रता 2009 जैसी ही है, बदलाव नहीं: धारीवाल

सवाल : चुनाव प्रक्रिया में बदलाव को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं?
धारीवाल : 2009 में जो नियम थे, वही इस बार हैं। नौ माह पहले ही इसकी जानकारी सार्वजनिक कर दी गई लेकिन लोगों ने नियम नहीं पढ़े, इसलिए अब चर्चा कर रहे हैं।
पत्रिका : मंत्री मीणा और पार्टी के विधायक भरत सिंह ने पुनर्विचार का सुझाव दिया है?
धारीवाल : उनके सुझावों का स्वागत करते हैं। सुझाव आना अच्छी बात है।
पत्रिका : आपकी दृष्टि से क्या ये नियम सही हैं?
धारीवाल : सवाल तो तब उठना चाहिए, जब नए नियम बनाए हों। 2009 में जो नियम बने वही अब लागू किए हैं। उस समय निकाय प्रमुख का चुनाव सीधा हुआ, इस बार पार्षद करेंगे। पहले भी कोई भी पात्र व्यक्ति खड़ा हो सकता था और अभी चुनाव लड़ सकता है। हां, चुनाव पार्षद करेंगे। पिछली भाजपा सरकार ने 2014 में इन नियमों को बदला था, केवल पार्षद ही निकाय अध्यक्ष बन सकता था।

ट्रेंडिंग वीडियो