उन्होंने कहा कि जर्मनी तकनीक से स्थापित इस प्लांट में कचरे का निस्तारण होने के साथ-साथ इंधन, ईंट और जैविक खाद भी बनेगी। हर शहर में स्वच्छता के लिए इस तरह के प्लांट होना आवश्यक है, ताकि कचरे का सही रूप से निस्तारण हो सके। उन्होंने पाली नगर परिषद क्षेत्र में चल रही 24 घंटे पानी देने की योजना एवं एसटीपी सीवरेज का कार्य को तय समय सीमा में पूरा करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पाली में पेयजल की समस्या के निदान के लिए मुख्यमंत्री से बात कर जवाई पुर्नभरण योजना पर कार्यवाही की जाएगी।
-जर्मनी तकनीक का पहला प्लांट नगर परिषद सभापति महेन्द्र बोहरा ने बताया कि 12 करोड़ की लागत से बना सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम जर्मनी तकनीक का पहला प्लांट है, जिसमें 250 टन कचरें का प्रसंस्करण किया जाएगा। पाली शहर में वर्तमान में 100 टन कचरें का संग्रहण हो रहा है, लेकिन आगामी 30 वर्षों में कचरें को देखते हुए प्लांट का निर्माण करवाया गया है। जिसमें वेडिंग मशीन भी लगाई गई है। यहां कचरें से इंधन, ईट, जैविक खाद के साथ-साथ निकलने वाले पानी का उपयोग फलदार पौधों और उद्यानों के विकास में लाभदायक होगा। उन्होंने बताया कि पाली स्मार्ट सिटी योजना में चौबिसों घंटे पेयजल आपूर्ति के लिए 80 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। वहीं, 5 हजार घरों में कनेक्शन दे दिए गए हैं। सीवरेज के कार्य भी तय समय सीमा में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में पाली पहले स्थान पर एवं स्वच्छता में ग्यारवें स्थान पर रहा है।