पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि स्कार्पियो चालक नाबालिग था, उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं बना था और वह अपने पिता को बिना बताए घर से कार ले आया था। डीसीपी ट्रैफिक को देख लाइसेंस नहीं होने और पिता की डांट से बचने के लिए कार को दौड़ा दी थी। कमिश्नर श्रीवास्तव ने कहा कि नाबालिग ने डर कर कार चढ़ाने का प्रयास किया। इस संबंध में गलती मानते हुए माफी भी मांगी है।
उधर, डीसीपी वेस्ट विकास शर्मा ने बताया कि पूरी तस्दीक कर ली गई। कार में 12वीं में पढऩे वाला नाबालिग ही चला रहा था। उधर, वैशाली नगर थाना पुलिस ने बताया कि श्याम मंदिर के पास लावारिस मिली कार को जब्त कर लिया है। कार की नंबर प्लेट पर लाल पट्टी लगी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
यह था मामला गौरतलब है कि सोमवार रात 8.30 बजे राहुल प्रकाश गाड़ी से रुटीन चेकअप पर थे। इस दौरान शीशों पर ब्लैक फिल्म लगी स्कॉर्पियो को रुकने का इशारा किया। गाड़ी सवार बदमाश रुके नहीं बल्कि कट मारकर निकल गए। पीछा करते डीसीपी की गाड़ी हनुमाननगर में पहुंची, जहां संदिग्ध गाड़ी एक पार्क के पास खड़ी दिखी। डीसीपी की गाड़ी पास पहुंची और गनमैन कमलेश ने रुकने का इशारा किया लेकिन बदमाश गाड़ी चढ़ाने लगे और आगे निकल गए। बचाव में गनमैन ने गाड़ी पर फायर किया। फायरिंग की सूचना कंट्रोल रूम को मिलते ही वैशाली नगर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। डीसीपी ने खिरणी फाटक से हनुमान नगर तक संदिग्घ गाड़ी का पीछा किया था। पुलिस ने नंबर के आधार पर पता लगाया कि गाड़ी झोटवाड़ा निवासी श्रवण सिंह की है।