जानिए, कांग्रेस सरकार से क्यों खफा हो रहा है मुस्लिम समाज, CM गहलोत से क्या शिकायत है...
गौरतलब है कि जयपुर में करीब तीन महीने पहले ही जयपुर हैरिटेज निगम में मुस्लिम महापौर बनाए जाने की मांग को लेकर मुस्लिम संगठनों की ओर से काफी हंगामा हुआ था। जिसके बाद मुस्लिम संगठनों ने समाज की विभिन्न मांगों से सरकार को अवगत भी कराया था। घटनाक्रम के बाद पार्टी नेताओं की ओर से आगामी दिनों में समाज को महत्व दिए जाने का वादा भी किया गया था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बजट से मुस्लिम समाज को काफी उम्मीद थी। लेकिन बजट निराशाजनक रहा।

जयपुर/अब्दुल बारी. सीएम अशोक गहलोत की बजट घोषणाओं के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार से अल्पसंख्यक समाज एक बार फिर से खफा होता नजर आ रहा है। समाज के जिम्मेदारों का कहना है कि इस बार बजट में अल्पसंख्यकों की काफी उपेक्षा की है, बजट में समाज के लिए कोई नई योजना नहीं है, उर्दू, मदरसा तालीम, से लेकर वक्फ जायदाद, हज यात्रा, हज हाउस समेत मुसलमानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर कोई फोकस नहीं किया गया।
दरअसल, पिछले दिनों ही उर्दू तालीम और मदरसा पैराटीचर्स की विभिन्न मांगों को लेकर मुस्लिम संगठनों की ओर से धरना-प्रदर्शन किए गए थे। ऐसे में इस बजट की ओर मदरसा पैराटीचर्स भी टकटकी लगाए देख रहे थे। लेकिन ये बजट इनकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आया। राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमीन कयामखानी का कहना है कि मदरसों का विकास तो दूर की बात है, बजट में ’मदरसा’ शब्द का ही इस्तेमाल नहीं किया।
गौरतलब है कि जयपुर में करीब तीन महीने पहले ही जयपुर हैरिटेज निगम में मुस्लिम महापौर बनाए जाने की मांग को लेकर मुस्लिम संगठनों की ओर से काफी हंगामा हुआ था। जिसके बाद मुस्लिम संगठनों ने समाज की विभिन्न मांगों से सरकार को अवगत भी कराया था। घटनाक्रम के बाद पार्टी नेताओं की ओर से आगामी दिनों में समाज को महत्व दिए जाने का वादा भी किया गया था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बजट से मुस्लिम समाज को काफी उम्मीद थी। लेकिन बजट निराशाजनक रहा।
एमएसडीपी के फंड का दे रहे हवाला...
इस बजट में अल्पसंख्यकों के लिए एक बड़ी घोषणा की गई है कि अल्पसंख्यक बहुल ब्लॉक्स में 8 हॉस्टल, 3 आवासीय विद्यालय और 3 बालिका आवासीय विद्यालय बनाए जाएंगे। इस बीच समाज के लोगों का कहना है कि इनमें अल्पसंख्यक हॉस्टल एमएसडीपी के फंड से पहले ही बन रहे हैं। सरकार की अल्पसंख्यक हॉस्टल की घोषणा भी गहलोत के पिछले कार्यकाल से ही पैंडिंग चल रही है।
इधर, राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के बैनर तले प्रदर्शन
बजट घोषणा से नाराज आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में ईदगाह इलाके के लोगों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला जलाया। राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के बैनर तले यह प्रदर्शन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला जलाते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।। कहा गया कि बजट में मुसलमानों को नजरअंदाज किया गया है।
इनका कहना है...
इस बार बजट में एससी, एसटी और घुमक्कड़ जातियों के लिए कई प्रावधान हैं, होना भी चाहिए। लेकिन हमारी स्थिति भी इन जैसी ही है। मुसलमानों ने कांग्रेस पर भरोसा किया था। लेकिन इस बजट ने समाज को निराश ही किया है।
अनवर शाह
को कन्वीनर, मुस्लिम प्रोग्रेसिव फेडरेशन
करीब तीन माह पहले सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी को मुस्लिम समाज की समस्याओं और विभिन्न मांगों से अवगत कराया गया था। इसलिए, इस बार सरकार से काफी उम्मीद थी। लेकिन सिर्फ छात्रावास की मांग ही पूरी हुई है।
नईम रब्बानी
सेकेट्री, जमाते इस्लामी हिन्द, राजस्थान
राजस्थान का बजट आ चुका है, जिसमें मुस्लिम समाज को नजर अंदाज किया गया है। अब, सीएम गहलोत से हमारी मांग है कि बजट बहस के दौरान मुस्लिम समाज की विभिन्न मांगों की घोषणा हों, और समय रहते उन्हें पूरा किया जाए।
सलाम जौहर
राजस्थान मुस्लिम फोरम
बजट में मुसलमानों के अहम मुद्दों पर फोकस ही नहीं किया गया। सरकार में समाज के 9 विधायक हैं, इसके बावजदू हमारी उपेक्षा हो रही है। अब भी सरकार ने मुसलमानों को नजरअंदाज किया तो कांग्रेस को भारी कीमत चुकानी होगी।
हाजी निजामुद्दीन, महासचिव
राजस्थान हज वेलफेयर सोसायटी
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