scriptCholesterol: कोलेस्ट्रोल को लेकर गलत धारणाएं और गलत फहमियां | Misconceptions and misconceptions about cholesterol | Patrika News

Cholesterol: कोलेस्ट्रोल को लेकर गलत धारणाएं और गलत फहमियां

locationजयपुरPublished: Oct 20, 2021 10:07:29 pm

कोलेस्ट्रोल ( Cholesterol ) खून में पाया जाने वाला मोम जैसा पदार्थ है। स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए आपके शरीर को इसकी आवश्यकता होती है, लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा से ह्रदय रोग ( heart disease ) का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रोल की उच्च मात्रा से रक्त वाहिकाओं ( blood vessels ) में चरबीदार पदार्थ जमा हो जाते हैं। आखिरकार यह जमा पदार्थ बढ़ते जाते हैं और इस कारण ह्रदय धमनियों ( heart arteries ) से पर्याप्त मात्रा में खून का बहना मुश्किल हो जाता है।

Cholesterol: कोलेस्ट्रोल को लेकर गलत धारणाएं और गलत फहमियां

Cholesterol: कोलेस्ट्रोल को लेकर गलत धारणाएं और गलत फहमियां

जयपुर। कोलेस्ट्रोल ( Cholesterol ) खून में पाया जाने वाला मोम जैसा पदार्थ है। स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए आपके शरीर को इसकी आवश्यकता होती है, लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा से ह्रदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रोल की उच्च मात्रा से रक्त वाहिकाओं ( blood vessels ) में चरबीदार पदार्थ जमा हो जाते हैं। आखिरकार यह जमा पदार्थ बढ़ते जाते हैं और इस कारण ह्रदय धमनियों से पर्याप्त मात्रा में खून का बहना मुश्किल हो जाता है। कभी-कभी इस जमा पदार्थ के अचानक टूटने से एक थक्का तैयार हो सकता है, जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक आ सकता है। पिछले 40 से 50 सालों में बड़े पैमाने पर किए गए अनेकों क्लिनिकल ट्रायल्स ने यह दर्शाया है कि उच्च कोलेस्ट्रोल और कार्डियोवास्कुलर (ह्रदय तथा रक्त वाहिका संबंधी) रोगों के बढ़े हुए खतरों के बीच एक मजबूत संबंध है।
आइए, मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. तिलक सुवर्णा के साथ एक नजर डालते हैं कुछ आम गलत धारणाओं और इससे संबंधित स्पष्टीकरणों पर, जिससे कोलेस्ट्रोल के संबंध में सही जानकारी मिल सके और पता चल सके कि यह किस तरह कार्डियोवास्कुलर स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।
1. जब तक मैं अधेड़ उम्र का नहीं हो जाता/जाती मुझे मेरे कोलेस्ट्रोल की जांच करवाने की आवश्यकता नहीं है।
यदि आपकी उम्र 20 और 30 वर्ष के बीच है तो इस दौरान उच्च कोलेस्ट्रोल विकसित होना असामान्य नहीं है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की सलाह है कि 20 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी वयस्कों को प्रत्येक चार से छह सालों में उनके कोलेस्ट्रोल (और अन्य जोखिम कारकों) की जांच करनी चाहिए, जब तक जोखिम का स्तर कम हो। कार्डियोवास्कुलर रोग और स्ट्रोक के लिए आपकी जोखिम का पता लगाने के लिए आपके डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
2. दुबले-पतले लोगों में उच्च कोलेस्ट्रोल नहीं हो सकता।
ज्यादा वजन वाले लोगों में उच्च कोलेस्ट्रोल के समस्या की संभावना अधिक होती हैं, लेकिन पतले लोग भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। क्योंकि पतले लोगों में खतरों के संकेत दिखाई नहीं देते इसलिए इसकी ओर ध्यान नहीं जाता और यह खतरनाक हो सकता है। इसलिए
आपके कोलेस्ट्रोल की नियमित रुप से जांच कराएं, चाहे आपका वजन, शारीरिक गतिविधि और आहार जैसा भी हो।
3. महिलाओं को कोलेस्ट्रोल के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
महिला और पुरुष दोनों में ही, जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती जाती है उनमें ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रोल के उच्चतर स्तर पाए जाने की प्रवृत्ति होती है। हालांकि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में एथिरोस्क्लेरोसिस आम तौर पर बाद में होता है, लेकिन महिलाओं में मौत का प्रमुख कारण कार्डियोवास्कुलर रोग बना हुआ है। बढ़ा हुआ वजन भी कोलेस्ट्रोल के उच्चतर स्तर के लिए योगदान देता है। पुरुषों की तुलना में रजोनिवृत्ति-पूर्व महिलाओं में कोलेस्ट्रोल के उच्च एलडीएल (खराब) से कुछ सुरक्षा मिल सकती है। इसका कारण यह है कि महिलाओं में पाया जाने वाला एस्ट्रोजन नामक हार्मोन का स्तर उनकी गर्भधारणा की संभावना वाले वर्षों में सबसे ज्यादा होता है और इससे एचडीएल (अच्छा) कोलेस्ट्रोल स्तर में बढ़ोतरी होती है। लेकिन ह्रदय के लिए स्वास्थ्यप्रद आहार और नियमित शारीरिक गतिविधि के बावजूद रजोनिवृत्ति के बाद भी महिलाओं में कोलेस्ट्रोल का स्तर भी बढ़ सकता है। इसलिए रजोनिवृत्ति की अवस्था के करीब पहुंचने वाली महिलाओं को उनके कोलेस्ट्रोल स्तर की जांच करानी चाहिए और उनके डॉक्टरों के साथ उनके खतरों के कारकों और उपचार विकल्पों के बारे में बात करनी चाहिए। एचडीएल कोलेस्ट्रोल एक मददगार कोलेस्ट्रोल है और इंसान को हार्ट अटैक के खतरे से दूर रखता है। वहीं दूसरी ओर एलडीएल कोलेस्ट्रोल ह्रदय धमनियों में प्लाक तैयार होने का कारण बनता है, जिसकी वजह से यह संकरी होती जाती हैं।
4. केवल आहार और व्यायाम से कोलेस्ट्रोल के स्तर में बदलाव लाया जा सकता है।
आहार और शारीरिक गतिविधि खून में संपूर्ण कोलेस्ट्रोल के स्तर को प्रभावित करते हैं, लेकिन अन्य कारकों में भी इसे प्रभावित करने की क्षमता होती है। ज्यादा वजन और मोटापे से खराब कोलेस्ट्रोल (एलडीएल) बढऩे और अच्छे कोलेस्ट्रोल (एचडीएल) के कम होने की प्रवृत्ति होती है। बढ़ती उम्र के साथ भी एलडीएल कोलेस्ट्रोल बढ़ता है। कुछ लोगों में आनुवंशिकता भी अपनी भूमिका निभा सकती है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए कार्डियोवास्कुलर स्वास्थ्य बनाए रखने हेतु ह्रदय के लिए स्वास्थ्यप्रद आहार और नियमित गतिविधि महत्वपूर्ण है।
5. उच्च कोलेस्ट्रोल नियंत्रित करने के लिए दवाइयां पर्याप्त हैं।
दवाइयों से कोलेस्ट्रोल का स्तर नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, लेकिन आहार और जीवनशैली में बदलाव करना ही ह्रदय रोग और स्ट्रोक (पक्षाघात) के खतरे को कम करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है। आपके कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए ह्रदय के लिए स्वास्थ्यप्रद आहार का सेवन करें और हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट तक मध्यम से लेकर जोरदार तीव्रता वाले एरोबिक व्यायाम करें। इसके साथ ही यह महत्वपूर्ण है कि आप दवाइयां ठीक उसी तरह लेना जारी रखें, जिस प्रकार आपके डॉक्टर ने इसे लेने के निर्देश दिए हैं।
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