घोघरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि सुरपुर ग्राम पंचायत में पट्टे विवाद में मुकदमा दर्ज कराने में खोड़निया का हाथ है। संभागीय आयुक्त, कलक्टर, एसपी और खोड़निया की कॉल डिटेल निकलवाकर सीबीआई जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके पहुंचने से पहले ग्रामीणों ने पंचायत में ताला लगा दिया था। उन्होंने किसी को बंधक नहीं बनाया था। वे सिर्फ ग्रामीणों की मांग के समर्थन में धरने पर बैठे थे। घोघरा ने कहा मैं जनता की आवाज उठा रहा हूं तो उसे दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने दिनेश खोड़निया पर उदयपुर संभाग में आदिवासी नेताओं को आपस में लड़वाने का आरोप लगाया। घोघरा ने कहा कि दिनेश खोड़निया सीएम के नजदीक होने के फायदा उठाकर संभाग में अपने मन से अधिकारी लगवाते हैं और अपने हिसाब से उनसे काम करवाते हैं। घोघरा ने कहा कि मुझे रिमोट एमएलए बनाकर रखना चाहते, लेकिन मैं किसी के दबाव में काम नहीं कर सकता।
पंचायत चुनाव के बाद से चल रही रार
डूंगरपुर जिले में कांग्रेस में रार वैसे तो बहुत पुरानी है, लेकिन पिछले साल हुए पंचायतीराज चुनाव के बाद से गुटबाजी खुल कर सामने आई थी। पंचायत चुनाव में भाजपा को समर्थन देकर जिला प्रमुख-प्रधान बनवाने की बात को लेकर कांग्रेस के एक खेमे ने जमकर विरोध किया था। विधायक गणेश घोघरा उस समय इस अप्रत्याक्षित समझौते के समर्थन में थे। वहीं दूसरा खेमा इसके विरोध में। अब विधायक के खुद विवादों में घिरने पर दूसरा खेमा सक्रिय हो गया है।