मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में विधायक हरीश चन्द्र मीना ने लिखा, ‘’2 अप्रैल 2018 को भारत बंद आंदोलन के दौरान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के युवाओं द्वारा अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए देश भर में आन्दोलन किया गया था। राजस्थान में भी इस वर्ग के युवाओं ने प्रशासन से अनुमति लेकर शांतिपूर्ण तरीके से आन्दोलन किया था। लेकिन प्रशासन ने in आन्दोलनकारियों पर ब्बर्बर्ता की और तत्कालीन सरकार ने दुर्भावनापूर्वक इन बेगुनाहों के विरुद्ध मुक़दमे दर्ज किए। सरकार से निवेदन है कि इन सभी मुकदमों को अविलम्ब वापस लिया जाए, ताकि प्रदेश की जनता को महसूस हो कि आपके नेतृत्व में प्रदेश में एक दलित हितैषी जन कल्याणकारी सरकार कार्य कर रही है।‘’
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद किया था। भारत बंद के दौरान राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें कई लोगों की जान तक चली गई थी जबकि कई लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई थी। प्रदेश में कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झडपें हुई थी।