पूरे टेप कांड में एसओजी ने अब तक यह किया
विधायक खरीद फरोख्त का टेप उजागर होने के बाद एसओजी ने केस दर्ज किया था। संभव है कि सरकार के इशारे पर ही यह केस दर्ज किया गया था। उसके बाद एसओजी ने टेप कांड में नाम आने वाले विधायकों की तलाश में दिल्ली और मानेसर में कई बार छापे मारे। नोटिस दिए पूछताछ के लिए। लेकिन एसओजी की टीम पूछताछ तो क्या होटल स्टाफ तक से बातचीत नहीं कर सकी। स्टाफ से चार बार सीसीटीवी फुटेज मांगा गया लेकिन वह भी एसओजी को नहीं मिला। इतना होने के बाद एसओजी अफसरों के खिलाफ ही विधायक ने कार्रवाई की मांग लेकर कोर्ट की शरण ली। इस कार्रवाई के बाद एसओजी ने इस केस के बारे में विधिक राय ली और अपना पल्ला झाड़ते हुए पूरा केस एसीबी को दे दिया। वैसे तो आरोपी संजय जैन के अलावा एसओजी के बाद इस केस में और कोई सबूत नहीं है फिर भी जो सबूत हैं वे सब एसीबी को सौंपने की तैयारी है। गौरतलब है कि इस केस के लिए दो आईपीएस अफसरों समेत कई आरपीएस और पुलिस इंस्पेक्टर्स की टीम बनाई गई थी। लेकिन अब वह पूरी टीम फिर से अपने पुराने केसेज पर लौट गई है।
अब एसीबी यह सब करने जा रही आज से
अब बात करते हैं एसीबी की…। एसीबी ने इस पूरे केस को शुरु से शुरू कर दिया है। पहले तो एसीबी के अफसर दो बार एसओजी टीम के पीछे ही मानेसर होटल पहुंचे थे जहां से एसीबी को भी कोई सबूत नहीं मिले न ही एसीबी किसी से पूछताछ कर सकी। अब एसीबी संजय जैन को जेल से प्रोडेक्शन वारंट पर गिरफ्तार करने की तैयारी में है। आज या कल उसे पूछताछ के लिए एसीबी लाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि उससे पूछताछ के बाद एसीबी के अधिकारी एसीबी अफसरों की एक टीम तैयार करेंगे जिसमें आईपीएस, आरपीएस और अन्य अफसर होंगे। इन अफसरों की मदद से एसीबी टेप कांड में नाम आने वाले विधायकों को घेरेगी। गौरतलब है कि पूरे केस पर सरकार की नजर लगातार बनी हुई है।