सूत्रों के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने लोढा की ओर से दायर याचिका का अध्ययन करने के बाद इसे गंभीर श्रेणी में माना है। हालांकि अभी ये साफ़ नहीं हो पाया है कि आमेर विधायक के खिलाफ आगामी सदन की कार्यवाही में विशेषाधिकार प्रस्ताव लाया जाएगा या नहीं।
वहीँ सूत्रों के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है। बताया जा रहा है कि पूनिया का पक्ष जानने के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष इस सम्बन्ध में कोई फैसला लेंगे। यदि डॉ जोशी भाजपा विधायक की दलीलों से संतुष्ट नहीं होते हैं तो पूनिया के खिलाफ सदन में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया जा सकता है।
गौरतलब है कि विधायक सतीश पूनिया ने सरकार पर 23 विधायकों से डील करने आरोप लगाया था और जल्द प्रमाण के साथ खुलासा करने की बात कही थी। इस पर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने सतीश पूनिया के खिलाफ विधानसभा प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम 158 के तहत विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया।
पूनिया के इस बयान पर उठा विवाद विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव में लोढ़ा ने जिस मीडिया रिपोर्ट का जिक्र किया है, उसमें कहा गया है कि राज्यसभा चुनाव के बाद सतीश पूनिया ने आरोप लगाया था। कांग्रेस विधायकों के दस दिन की बाड़ेबंदी के दौरान 23 विधायकों को खान, रीको में प्लॉट व कैश ट्रांजेक्शन की डील हुई थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि किन- किन विधायकों से क्या डील हुई है उसके प्रमाण भी हैं।