ट्रैफिक व्यवस्था खराब होने और प्रदूषण बढ़ने में हमारा ही दोष रहा है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने गुलाब कोठारी की याचिका पर जो आदेश दिए, वे लागू रहने चाहिए। वहीं विधायक रामलाल शर्मा ने भी कोठारी का धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके प्रयासों और हौसले से गोचर भूमि और हरित पट्टी बच पाई है। वहीं चर्चा के दौरान आरएलपी के विधायक नारायण बेनीवाल ने भी अपने विचारों में ‘पत्रिका’ का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि ध्वनि विस्तारक बंद करवाने के मामले में अधिकारियों की मनमर्जी चलती है।
हाल ही सदन में राजस्थान पत्रिका परिसर के मामले को लेकर चर्चा हुई। रात्रि में किसका ध्वनि विस्तारक बंद करवाना है और किसका नहीं, किसका लेट तक चलवाना है और किस पर जुर्माना करना है, यह काम अधिकारी-कर्मचारी मनमर्जी से करते हैं। रात 10 बजे बाद ध्वनि विस्तारक नहीं बजे, इसके लिए कर्मचारियों को उत्तरदायी बनाने की जरूरत है। इससे पहले उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि ‘गुलाब कोठारी बनाम राज्य सरकार’ याचिका में कोर्ट ने 35 निर्देश दिए हैं। वो इसलिए दिए ताकि ग्रीन बेल्ट और पैराफेरी जोन में कोई निर्माण न हो। जबकि सरकार जोनल और सेक्टर प्लान बनाकर रास्ता निकालना चाहती है। इन संशोधनों के पीछे सरकार की मंशा ठीक नहीं है।