यही नहीं मीणा ने यह भी कहा था कि एससी एसटी और माइनॉरिटी के विधायकों को बोलने के लिए उनकी सीटों पर माइक की व्यवस्था नहीं की गई है। इसे लेकर मीणा और विधानसभा स्पीकर के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई थी।हालांकि जिन विधायकों की सीटों पर माइक नहीं थे उनमें से कई विधायक अपनी बात रखने के लिए दूसरी सीट पर जाकर माइक के जरिए अपनी आवाज सदन में बुलंद करते थे।
27 विधायकों की सीटों पर नहीं है माइक
दरअसल कोविड-19 को देखते हुए सदन में विधायकों के बैठने की व्यवस्था उसी हिसाब से की गई थी ऐसे में 27 विधायक ऐसे हैं जिनके सीटों पर माइक की व्यवस्था नहीं है। इनमें से आधा दर्जनविधायक सचिन पायलट के माने गए हैं, जिन विधायकों की सीटों पर माइक नहीं है उनमें से 10 विधायक एससी एसटी के और चार विधायक अल्पसंख्यक वर्ग से हैं ऐसे में इसे लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
इन विधायकों की सीटों पर नहीं है माइक
विश्वस्त सूत्रों की माने तो सदन में जिन विधायकों की सीटों पर माइक की व्यवस्था नहीं है उनमें रमेश मीणा,पृथ्वीराज मीणा, मुरारी मीणा, राजेंद्र गुड्डा, संदीप कुमार, बृजेंद्र ओला बाबूलाल नागर, वेद प्रकाश सोलंकी, गुरमीत सिंह कुन्नर, अमीन कागज़ी, रफीक खान, दानिश अबरार, अमीन खान, महेंद्र विश्नोई,अमर सिंह जाटव, भजन लाल जाटव, महेंद्र सिंह मालवीय, जितेंद्र सिंह, मेवाराम जैन, आलोक बेनीवाल, जीआर खटाना, सुरेश टांक, जोगिंदर अवाना सुदर्शन सिंह रावत और विजयपाल मिर्धा हैं।