अलवर की घटना पर सियासी उबाल, RSS नेता इंद्रेश कुमार बोले- गोहत्या बंद होने से रुक सकती है मॉब लिंचिंग
अलवर में हुर्ठ मॉब लिंचिंग को लेकर देशभर में हो रही राजनीति के बीच आरएसएस के प्रमुख नेता इंद्रेश कुमार का एक विवादित बयान सामने आया है

अलवर। अलवर में हुर्ठ मॉब लिंचिंग को लेकर देशभर में हो रही राजनीति के बीच आरएसएस के प्रमुख नेता इंद्रेश कुमार का एक विवादित बयान सामने आया है...उनका कहना है कि मॉब लिंचिंग गोहत्या बंद होने से ही रुक सकती है। इधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने मॉब लिंचिंग को लेकर भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार उन अपरिपक्व फैसलों के लिए याद की जाएगी, जिनकी वजह से देश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी है।
कल संसद में इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्वीट पर हंगामे के बाद आज आरएसएस नेता व राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने इस मामले पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर लोग गोहत्या के पाप से मुक्त हो जाएंगे तो देश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं भी रुक जाएंगी। अलवर की घटना पर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा है कि क्या हम संकल्प नहीं ले सकते कि धरा (धरती) और मानवता गोहत्या के पाप से मुक्त हो जाए। अगर हम इस पास से मुक्त होने में सफल होंगे तो देश में मॉब लिंचिंग जैसी समस्या भी खत्म हो जाएगी।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि 'किसी भी भीड़ द्वारा की गई हिंसा अभिनन्दनीय नहीं हो सकती। परंतु, दुनिया के जितने भी धर्म हैं, उनमें से किसी के भी धर्मस्थल पर गाय का वध नहीं होता। ईसाई धर्म में गाय को मां माना गया है और इस्लाम में भी गाय के वध को अपराध मानते हैं। ऐसे में क्या हम यह संकल्प नहीं ले सकते कि धरा और मानवता को ऐसे पाप से मुक्त करें। अगर हम मुक्त हो जाएं तो मॉब लिंचिंग जैसी समस्याएं भी हल हो जाएंगी।'
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती भी अलवर मॉब लिंचिंग पर आज भाजपा और मोदी सरकार पर दमकर बरसी। उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग ओछी मानसिकता के भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों का काम है...लेकिन वे लोग इसे राष्ट्रभक्ति समझते हैं...अलवर मामले की निंदा करते हुए मायावती ने कहा कि सरकार तो इस मामले में कोई कार्रवाई करेगी नहीं, इसलिए कोर्ट को ही इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए।
इधर, भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा के बाद अलवर से कांग्रेस सांसद डॉ. करणसिंह भी पुलिस के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने कहा कि अलवर में रकबर खान की मौत मात्र मॉब लिंचिंग ही नहीं हिरासत में मौत का मामला है। मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है...पुलिस का कर्तव्य था कि सबसे पहले घायल को अस्पताल ले जाते...कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि मामले में पुलिस और कथित गोरक्षकों के बीच मिलीभगत है।
बता दें कि अलवर जिले के रामगढ़ इलाके के गांव लल्लावंडी में शुक्रवार रात स्थानीय लोगों ने अकबर उर्फ रकबर नामक शख्स को गो-तस्कर बताकर पीटना शुरू कर दिया। बाद में रकबर की मौत हो गई। अलवर में कथित रूप से रकबर खान की पिटाई के मामले में पुलिस की घोर अमानवीयता सामने आई थी। अकबर को पुलिस थाने से कुछ ही दूरी पर स्थित अस्पताल पहुंचाने में अलवर पुलिस को 3 घंटे लग गए थे। यही नहीं, पुलिस ने गंभीर रूप से घायल खान को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने से पहले घटनास्थल से बरामद दो गायों को 7 किलोमीटर दूर गोशाला पहुंचाने को प्राथमिकता दी। अगर अकबर को जल्दी अस्पताल पहुंचाया जाता तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी।
अब पाइए अपने शहर ( Jaipur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज