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ट्रेनों में सुरक्षित नहीं है मोबाइल और पर्स, जयपुर में सक्रिय है झपट्टा बाज

locationजयपुरPublished: May 13, 2023 07:12:23 pm

Submitted by:

Devendra

आप ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं तो अपने सामान की स्वयं सुरक्षा करें। महिलाएं विशेष कर मोबाइल और अपने पर्स को संभाल कर रखे। वजह है यह है यहां पर झपट्टा मार गिरोह सक्रिय है, जो पलक झपकते ही आपका पर्स और मोबाइल उड़ाकर ले जाएंगे। आपको लगता है कि जिम्मेदार जीआरपी इसे वापस तलाश कर आपको सौंप देंगी तो यह आपकी गलतफहमी ही होगी।

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जयपुर। आप ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं तो अपने सामान की स्वयं सुरक्षा करें। महिलाएं विशेष कर मोबाइल और अपने पर्स को संभाल कर रखे। वजह है यह है यहां पर झपट्टा मार गिरोह सक्रिय है, जो पलक झपकते ही आपका पर्स और मोबाइल उड़ाकर ले जाएंगे। आपको लगता है कि जिम्मेदार जीआरपी इसे वापस तलाश कर आपको सौंप देंगी तो यह आपकी गलतफहमी ही होगी। वजह यह है कि नफरी और संशाधनों की कमी से जूझ रही जीआरपी की भूमिका अधिकतर मामलों में एफआईआर दर्ज करने और एफआर लगाने की ही रही है। आंकड़ों की स्थिति देखे तो हर दिन ट्रेनों में चोरी की तीन वारदात वारदात हो रही है।

केस-एक
सेना का जवान पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद का निवासी तपन कुमार 29 मार्च को जोधपुर से दिल्ली जा रहा था। जयपुर रेलवे स्टेशन पर तपन कुमार का मोबाइल चोरी हो गया। जीआरपी ने मामला दर्ज कर लिया, लेकिन मोबाइल नहीं मिला।
केस-दो
यूपी के लखीमपुर खीरी की निवासी पूजा देवी का लेडिज पर्स 8 अप्रेल को जयपुर रेलवे स्टेशन पर कोई चोरी कर ले गया। पर्स में मोबाइल, पैसा व अन्य दस्तावेज थे। जीआरपी में मामला भी दर्ज करवाया गया।
केस-तीन
जोधपुर के रातानाड़ा की अनुभूति गौड़ दिल्ली से जोधपुर जा रही थी। ट्रेन की सीट पर छोट पर्स में मोबाइल रखा था। कोई उठाकर ले गया। तत्काल इसकी सूचना जीआरपी को दी गई। जीआरपी की भूमिका महज मामला दर्ज करने की रही।

चार वर्ष में 3573 लोग हुए ट्रेनों में चोरी के शिकार
पिछले चार वर्ष में जीआरपी थानों में 4648 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 3573 मामले चोरी के है। अधिकारियों का मानना है कि अधिकतर मामलों में चोर का पता नहीं चलने पर जीआरपी के पास एफआर लगाने के अलावा कोई चारा नहीं होता। दूसरा मोबाइल चोरी को खोलने के लिए संशाधन की स्थिति भी कमजोर है।

ट्रेनों में अपराध की स्थिति
अपराध-2019-2020-2021-2022
हत्या-06-04-02-05
डकैती-01-02-01-01
लूट-10-02-02-04
वाहन चोरी-86-20-59-107
जेबतराशी-127-28-30-37
चोरी-1309-413-627-1227
जहरखुरानी-10-01-03-06
बलात्कार-06-03-03-02
अपहरण-16-03-04-08

अधिकतर लोग दर्ज नहीं करवाते मामला
ट्रेन में चोरी होने पर अधिकतर लोग जीआरपी में मामला भी दर्ज नहीं करवाते। वजह है कि यात्रा के दौरान जीआरपी थाना तक पहुंचना उनके लिए परेशानी भरा होता है। ऐसे में गंतव्य तक पहुंचने के बाद पुलिस को गुमशुगदी की सूचना दी जाती है। क्योंकि जनता भी यह मानने लगी है कि चोरी होने के बाद मोबाइल मिलना कम संभव है।

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