scriptवोटों की फसल काटने की तैयारी कर रही सरकार को आई गांवों की याद, जिलों में जाएगी मोबाइल लेबोरेट्री वैन, जांचेगी पानी की गुणवत्ता | Mobile laboratory van will be located in 10 districts | Patrika News
जयपुर

वोटों की फसल काटने की तैयारी कर रही सरकार को आई गांवों की याद, जिलों में जाएगी मोबाइल लेबोरेट्री वैन, जांचेगी पानी की गुणवत्ता

पहले चरण में बीस जिलों के ग्रामीण इलाकों में बीते मार्च से शुरू होनी थी पेयजल गुणवत्ता जांच

जयपुरAug 22, 2018 / 01:12 pm

dharmendra singh

phed

वोटों की फसल काटने की तैयारी कर रही सरकार को आई गांवों की याद, जिलों में जाएगी मोबाइल लेबोरेट्री वैन, जांचेगी पानी की गुणवत्ता

पहले चरण में बीस जिलों के ग्रामीण इलाकों में बीते मार्च से शुरू होनी थी पेयजल गुणवत्ता जांच
जयपुर
चुनाव नजदीक आते ही राज्य सरकार को गांवों की याद आने लगी है। वोटों की फसल काटने की तैयारी कर रही भाजपा सरकार ने अफसरों के पेच भी कसने शुरू कर दिए हैं। शायद इसी का परिणाम है कि प्रदेश के दस जिलों के ग्रामीण इलाकों में मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री वैन से पेयजल गुणवत्ता जांच का काम अगले सप्ताह से शुरू हो रहा है। यह काम होने में कम से कम छह माह की देरी हो चुकी है, अब तक सरकारी अफसर निजी फर्म की मनमानी को अनदेखा कर रहे थे, लेकिन चुनाव के तीन महीने पहले उनकी नींद टूट रही है। फिलहाल जलदाय विभाग पहले चरण में बीस में से केवल दस जिलों में परीक्षण के तौर पर मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री तैनात कर रहा है। संभवत: अगले महीने से शेष दस जिलों में भी पेयजल गुणवत्ता जांच का काम मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री वैन से शुरू होने की उम्मीद है।
बीते साल जारी हुए थे टेंडर
गौरतलब है कि जलदाय विभाग ने बीते साल 30 करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश के बीस जिलों में वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री वैन तैनात करने के टेंडर जारी किए थे। निजी फर्म को विभाग द्वारा पानी के प्रति सैंपल जांच पेटे 748 रुपए का भुगतान करना तय किया गया। बीते मार्च में निजी फर्म को चिह्नित बीस जिलों के ग्रामीण इलाकों में पेयजल गुणवत्ता जांच का काम शुरू करना था लेकिन निजी फर्म की मनमानी के चलते मोबाइल वैन तैयार नहीं होने से काम शुरू नहीं हो सका।
अगले सप्ताह से मिलेगी सुविधा
बीते मंगलवार को निजी फर्म संचालकों और वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री अधिकारियों के बीच हुई बैठक में अगले सप्ताह से परीक्षण के तौर पर दस जिलों में मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री वैन से पानी सैंपलों की जांच का काम शुरू करने का निर्णय हुआ है। वहीं अगले महीने के मध्य तक पहले चरण में बचे शेष दस जिलों में भी पेयजल गुणवत्ता जांच का काम मोबाइल लैब से शुरू हो जाएगा। विभाग के अफसरों की मानें तो अभी परीक्षण के तौर पर चल प्रयोगशालाओं को फील्ड में भेजा जा रहा है। वहीं कार्यों की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री द्वारा सभी बीस चल प्रयोगशालाओं को हरी झंडी दिखाने की कार्य योजना तैयार हो रही है।

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