पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग सबसे बड़ी है। इससे सीधे तौर पर झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर जिले की पेयजल और सिंचाई परियोजना जुड़ी है। इससे 26 विभिन्न बड़ी एवं मध्यम परियोजनाओं के माध्यम से लगभग 8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए जल उपलब्ध होगा।
मानगढ़ बने राष्ट्रीय स्मारक
राज्य स्तर पर आदिवासियों के आस्था धाम कहे जाने वाले मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का इंतजार है। एक नवम्बर 2022 को पीएम मोदी मानगढ़ धाम गए थे। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के आंदोलन में आदिवासी वीरों का भी योगदान रहा है। लेकिन राष्ट्रीय स्मारक की घोषणा नहीं हुई।
बनारस-उज्जैन की तर्ज पर बने पुष्कर कॉरिडोर
बनारस में काशी विश्वनाथ और उज्जैन में महाकाल मंदिर की तर्ज पर तीर्थनगरी पुष्कर में भी कॉरिडोर की जरूरत है। केन्द्र सरकार इसके लिए स्वीकृति दे, प्लान बनाए। हालांकि राज्य सरकार ने पुष्कर विकास के लिए 500 करोड़ स्वीकृत किए हैं।
अजमेर-टोंक-सवाई माधोपुर रेल परियोजना अधूरी है। रेलवे ने सर्वे की निविदा 4 फरवरी 2016 को जारी की थी। इसके बाद से अब तक सर्वे टीम ने रेल लाइन बिछाने के लिए जमीन, रेलवे स्टेशन, ब्रिज समेत अन्य की सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली है। लेकिन राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार के बीच जमीन आवंटन के फैसले को लेकर मामला खटाई में पड़ा है।