इसी को लेकर जमाते इस्लामी हिंद ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि सीएए-एनआरसी को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते कहा कि मु्स्लिम समाज को गुमराह तो मोदी सरकार खुद कर रही है। जमाते इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद सआदत उल्लाह हुसैनी और राष्ट्रीय महासचिव सलीम इंजीनियर ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान की मूल भावना के ही खिलाफ है, सरकार रोजगार और नौकरियों पर तो कोई बात नहीं करती बल्कि लोगों को बांटने वाला कानून लागू करने पर अड़ी है।
ऐये लड़ाई केवल मुस्लिम समाज की नहीं है, बल्कि ये लड़ाई देश और संविधान को बचाने की लड़ाई है। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद सआदत उल्लाह हुसैनी ने कहा कि केंद्र सरकार को जो करना है वह कर ले हमको एनआरसी और नागरिकता संसोधन कानून का विरोध करते हैं और करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम एनआरसी और सीएए के साथ में एनपीआर का भी विरोध करते हैं।
उन्होंने कहा कि हमने गैर भाजपाशासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखकर कहा कि वो सीएए और एनआरसी अपने .यहां लागू नहीं करें। जमात इस्लामी हिंद के नेताओं ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी बर्खास्त करने की मांग राष्ट्रपति से की है।
इन नेताओं का कहना है कि एक मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे शख्स ने किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया था, वहीं पुलिस की बर्बरता ने भी सारी हदें तोड़ दी थी। उन्होंने जामिया और जेएनयू में हुई घटनाओं को देश के लिए काला धब्बा बताया।