जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य स्तरीय परियोजना स्वीकृति समिति की 37 वीं बैठक में इन परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। बैठक में नेशनल जेजेएम के निदेशक प्रदीप सिंह शामिल हए।
बताया गया है कि पांच परियोजनाओं से 11 जिलों के 5739 गांवों में 15 लाख जल कनेक्शन की राह खुल गई है। इसके अलावा जोधपुर व अन्य जिलों के लिए 400 करोड़ से ज्यादा की पेयजल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। साथ ही जयपुर जिले के लिए 291 करोड़ की 147 पेयजल परियोजनाओं को भी मंजूरी मिली है।
इन परियोजनाओं को मंजूरी
परियोजना का नाम राशि लाभांवित गांव जल कनेक्शन
सीकर-झुंझुनूं 7934 1133 3,44,120
चंबल-अलवर-भरतपुर 5783 1237 3,96,223
जाखम परियोजना 3693 1473 2,11,926
चंबल-करौली-स.माधोपुर 4623 1426 4,37,297
कालीतीर-धौलपुर 821 450 1,21 598
ईआरसीपी पर राजस्थान सरकार कर रही राजनीति : शेखावत
जल की आवश्यकता निरंतर बढ़ रही है। पीने योग्य पानी की कमी होती जा रही है। जल की उपलब्धता को लेकर केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है। यह बात केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को त्रिवेणीधाम में त्रिवेणी नदी के तट पर राम-सीता सरोवर (कुण्डों) के शुभारंभ पर कही।
शेखावत ने कहा कि वसुंधरा सरकार के समय 13 जिलों में पानी पहुंचाने के लिए ईस्टर्न कैनाल परियोजना बनाई गई थी। उसमें तकनीकी खामी होने के चलते परियोजना मूर्त रूप नहीं ले पाई, बाद में सरकार बदल गई। अब कांग्रेस सरकार ईस्टर्न कैनाल परियोजना में जो तकनीकी खामी है उसे दूर करने के बजाय राजनीति कर रही है। जिसकी वजह से मामला अटका हुआ है।
शेखावत ने कहा कि मध्यप्रदेश व राजस्थान की नदियों को जोड़कर पानी लाने की परियोजना के मूर्त रूप लेने पर पीने के पानी के साथ ही प्रदेश के दो लाख किसानों को लाभ मिलेगा। इसके लिए दोनों प्रदेशों के अधिकारियों के साथ बैठकर कार्य किया जा रहा है। पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के साथ जमवारामगढ़ व कालख बांध तक पानी पहुंच सकेगा।