जयपुर

सोमवार से कर्फ्यू से बाहर वाले सभी क्षेत्रों में सशर्त छूट, लेकिन इन्हें करना होगा इंतजार

प्रदेश में सोमवार से मॉडिफाइड लॉकडाउन ( Modified Lockdown ) के तहत कर्फ्यू वाले क्षेत्रों को छोड़ सभी जगह वाणिज्यिक गतिविधियां सशर्त शुरू होंगी। अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित टास्क फोर्स ने यह सिफारिश की है…

जयपुरApr 18, 2020 / 08:00 am

dinesh

भाजपा का छद्म और हमारा है असली राष्ट्रवादीः गहलोत

जयपुर। प्रदेश में सोमवार से मॉडिफाइड लॉकडाउन ( Modified Lockdown ) के तहत कर्फ्यू वाले क्षेत्रों को छोड़ सभी जगह वाणिज्यिक गतिविधियां सशर्त शुरू होंगी। अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित टास्क फोर्स ने यह सिफारिश की है।
बैठाकर नहीं खिला पाएगी सरकार
आर्थिक सलाहकार एवं राजस्थान ट्रांसफॉरमेशन काउंसिल के उपाध्यक्ष अरविंद मायाराम की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में माना कि संसाधनों वित्तीय बाधाओं के कारण सरकार वंचितों ‘बेरोजगारों’ को लंबे समय तक खिला नहीं सकती। केंद्र ने भी प्रदेशों के लिए बड़ा पैकेज घोषित नहीं किया है। ऐसे में वाणिज्यिक गतिविधियां शुरू करनी होगी, ताकि बड़ा वर्ग शीघ्र कमाने और खर्च करने लायक हो सके। इससे ही राजस्व बढ़ेगा।
प्रोटोकॉल में कोई ढील नहीं, सीएम गहलोत ( Ashok Gehlot )
20 अप्रेल से शुरू होने वाली मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान मास्क लगाने, सामाजिक दूरी बनाने सहित सभी प्रोटोकॉल की पालना में कोई ढील नहीं दी जाएगी। केवल उद्योग धंधों और काम पर आने जाने के लिए मूवमेंट में आंशिक छूट केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप दी जाएगी।
इन्हें मिलेगी छूट
कृषि—पशुपालन—डेयरी संबंधी उत्पाद इकाइयां, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल, खनन, पेट्रोकेमिकल एवं केमिकल्स इकाइयां, आवश्यक फार्मा मैन्युफैक्चरिंग, सीमेंट, उद्योग, पर्यटन आदि।

इन्हें अभी छूट नहीं
लघु उद्योग, आॅटो व ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्रीज, गैरजरूरी दवा निर्माता इकाइयां, सैलून, शैक्षिक संस्थाएं, सर्विस सैक्टर।
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में केंद्र की भूमिका अधिक
वहीं सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना के संक्रमण और लॉकडाउन के कारण देश में प्रवासी मजदूरों की समस्या बहुत गंभीर हो गई है। चाहे मजदूर अपने राज्य में रह रहे हों या दूसरे राज्य में उनका एक बार अपने घर जाना जरूरी है। ऐसे में 20 अप्रेल के बाद हो सकता है, भारत सरकार इसमें थोड़ी छूट दे दे। ऐसा होने से मजदूरों का टूटा मनोबल लौट सकेगा और वे अपने रोजगार पर वापस आने में सहूलियत महसूस करेंगे।
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