उन्होंने कहा कि परिवार प्रबोधन गतिविधि द्वारा परस्पर संंवाद बढ़े और परिवार में साप्ताहिक बैठक शुरु हों। प्रत्येक परिवार में सामाजिक समरसता के अन्तर्गत सहज एक—दूसरे के यहां आना—जाना होना चाहिए। पिछले 6 माह में संघ से जुड़ने वालों की संख्या हर वर्ग में सर्वत्र बढ़ी है। बैठक में ऐसे ही छोटे—छोटे कई विषयों को लेकर प्रत्येक परिवार को जोड़ने पर विचार हुआ। दो दिवसीय जयपुर प्रवास पर आए सरसंघचालक ने रविवार को दो सत्रों में गतिविधि प्रमुखों से संवाद किया।
स्वयंसेवकों से साझा किए अनुभव भागवत ने कोरोना महामारी की कठिन परिस्थितियों में गतिविधियों का काम कैसे चला, इसके अनुभव सुने तथा समाज के वंचित व अभावग्रस्त लोगों के लिए चलाए गए कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि किसी भी गतिविधि का काम समाज में नया नहीं है, अपनी रुचि-प्रकृति के अनुसार पहले से कुछ लोग कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में समाज में वातावरण बनाने की आवश्यकता है।। गतिविधियों का काम समाजव्यापी है और उसका आचरण बदलने का काम है। इसकी पहल 15 लाख स्वयंसेवकों के परिवारों से होनी चाहिए जो समाज का भाव शीघ्र बदलने लगेगा।
ये दी गई जानकारियां घुमंतू समाज के उत्थान व कोरोना काल में इनके लिए किए गए कार्यों जानकारी भागवत को दी गई। पदाधिकारियों ने इसे और गति कैसे दी जा सकती, इस संबंध में अपनी बात रखी। बैठक में जल संरक्षण, पौधरोपण तथा पॉलिथिन मुक्ति के लिए प्रत्येक परिवार संकल्प करे। क्षेत्रीय घुमंतू कार्य प्रमुख ने सरसंघचालक को सेवा पथ स्मारिका भेंट की।
संघ की शाखाएं दोबारा शुरू करने की कवायद कोरोना की वजह से बंद हुई आरएसएस की शाखाओं को दोबारा शुरू करने की कवायद शुरू हो गई है। जयपुर प्रांत संपर्क प्रमुख हेमंत सेठिया ने बताया कि आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने इस पर चर्चा की। भागवत ने कहा कि संघ की दैनिक शाखा और दैनिक बैठकों को स्थानीय स्तर पर सरकार के सारे निर्देर्शों का पालन करते हुए किस तरह से पहले की तरह शुरू करना चाहिए इस दिशा में काम किया जाए।