मौसम विभाग प्रदेश में 15 सितंबर तक पूर्वी राजस्थान और 30 सितंबर तक पश्चिमी राजस्थान से मानसून विदा होने की अधिकारिक घोषणा करता है लेकिन इस बार मानसून की एंट्री से लेकर हिमालय तराई क्षेत्र के खिसकने और फिर से प्रदेश की ओर लौटने में मानसून के तय मार्ग में हुए बदलाव के चलते मानसूनी बारिश का दौर सुस्त रहा है। प्रदेश में आगामी दिनों में लोकल कंवेन्शन सिस्टम बनने पर छिटपुट बौछारें जरूर गिर सकती हैं लेकिन मूसलाधार बारिश नहीं होने से करीब डेढ़ दर्जन जिलों में बारिश का ग्राफ सामान्य से कम यानि 20— 25 फीसदी कम रहने का अंदेशा है।
बीते रविवार तक प्रदेश के कुल 831 छोटे बड़े बांधों में से 224 बांध ही इस बार छलके हैं जबकि 294 बांध रीते रहे हैं वहीं 315 में पानी की आंशिक आवक ही हो सकी है। शहर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध के इस बार मानसून में छलकने की उम्मीद भी अब खत्म हो गई है। त्रिवेणी में पानी का बहाव करीब डेढ़ मीटर उंचाई पर रहने से हालांकि बांध में पानी की आवक बनी हुई है और औसतन रोजाना करीब एक सेंटीमीटर बांध के जलस्तर में बढ़ोतरी भी हो रही है। बीसलपुर बांध में आज सुबह तक 27 टीएमसी पानी की आवक दर्ज हुई है वहीं अब भी बांध करीब 25 टीएमसी पानी की मात्रा यानि करीब 1.69 मीटर खाली रहा है।
राजधानी जयपुर में बीते चौबीस घंटे में रही बादलों की आवाजाही आज थम गई है और खिली धूप भी सुबह से तीखे तेवर दिखाने लगी है। हवा में नमी के कारण रात में ठंडक रहने से सुबह शाम में सर्दी की आहट महसूस होने लगी है। बीती रात शहर के तापमान में पारा 1.4 डिग्री बढ़कर 23 डिग्री रहा वहीं आज सुबह नौ बजे दिन का तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ है। स्थानीय मौसम केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार शहर में आज आंशिक रूप से बादल छाए रहने व दिन में तेज रफ्तार से पश्चिमी हवाएं बहने की संभावना है।