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समय से पहले विदा होगा मानसून! कर्इ जिलों में 20-25 फीसदी बारिश कम होने का अंदेशा

locationजयपुरPublished: Sep 04, 2017 10:16:00 am

Submitted by:

Abhishek Pareek

मौसम वैज्ञानिकों ने प्रदेश के ज्यादातर हिस्सो में मौसम तंत्र सुस्त रहने व सितंबर के पहले पखवाड़े के अंत तक मानसून विदा होने के संकेत दिए हैं। 

Rain
जयपुर। सामान्यतया 30 सितंबर तक सक्रिय रहने वाला दक्षिण पश्चिमी मानसून इस बार समय से पहले ही प्रदेश से विदा हो सकता है। वर्तमान परिस्थितियों की समीक्षा के बाद मौसम वैज्ञानिकों ने आगामी दिनों में प्रदेश के ज्यादातर हिस्सो में मौसम तंत्र सुस्त रहने व लगभग सितंबर माह के पहले पखवाड़े के अंत तक मानसून विदा होने के संकेत दिए हैं। सामान्यतया मौसम विभाग अधिकारिक तौर पर तीस सितंबर के बाद ही प्रदेश से मानसून विदा होने की घोषणा करता है लेकिन इस बार समय पूर्व मानसून विदा होने पर कई जिलों में बारिश का ग्राफ सामान्य से बीस-पच्चीस फीसदी कम रहने का अंदेशा है। हालांकि इस दौरान जिन इलाकों में कम वायुदाब क्षेत्र बनेगा वहां छिटपुट बारिश होने की संभावना मौसम विभाग जता रहा है।
जयपुर स्थित मौसम वैज्ञानिकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर जानकारी देते हुए कहा कि हिमालय के तराई क्षेत्र से मानसून प्रदेश की ओर लौटा जरूर लेकिन मानसून उत्तर पश्चिमी हिस्सों से होकर दक्षिण पूर्व राज्यों का रुख कर चुका है। ऐसे में फिर से प्रदेश के दक्षिण पश्चिमी और पूर्वी जिलों में मानसून की सक्रियता बढ़ने की संभावना बहुत कमजोर हैं और आगामी दिनों में प्रदेश में छिटपुट बौछारों को छोड़कर मूसलाधार बारिश होने की संभावना पर फिलहाल विराम लग चुका है।
30 सितंबर तक होती है विदाई की घोषणा
मौसम विभाग प्रदेश में 15 सितंबर तक पूर्वी राजस्थान और 30 सितंबर तक पश्चिमी राजस्थान से मानसून विदा होने की अधिकारिक घोषणा करता है लेकिन इस बार मानसून की एंट्री से लेकर हिमालय तराई क्षेत्र के खिसकने और फिर से प्रदेश की ओर लौटने में मानसून के तय मार्ग में हुए बदलाव के चलते मानसूनी बारिश का दौर सुस्त रहा है। प्रदेश में आगामी दिनों में लोकल कंवेन्शन सिस्टम बनने पर छिटपुट बौछारें जरूर गिर सकती हैं लेकिन मूसलाधार बारिश नहीं होने से करीब डेढ़ दर्जन जिलों में बारिश का ग्राफ सामान्य से कम यानि 20— 25 फीसदी कम रहने का अंदेशा है।
सूखे रहे बांध
बीते रविवार तक प्रदेश के कुल 831 छोटे बड़े बांधों में से 224 बांध ही इस बार छलके हैं जबकि 294 बांध रीते रहे हैं वहीं 315 में पानी की आंशिक आवक ही हो सकी है। शहर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध के इस बार मानसून में छलकने की उम्मीद भी अब खत्म हो गई है। त्रिवेणी में पानी का बहाव करीब डेढ़ मीटर उंचाई पर रहने से हालांकि बांध में पानी की आवक बनी हुई है और औसतन रोजाना करीब एक सेंटीमीटर बांध के जलस्तर में बढ़ोतरी भी हो रही है। बीसलपुर बांध में आज सुबह तक 27 टीएमसी पानी की आवक दर्ज हुई है वहीं अब भी बांध करीब 25 टीएमसी पानी की मात्रा यानि करीब 1.69 मीटर खाली रहा है।
गुलाबीनगर में दिन गर्म रात में सर्दी की आहट
राजधानी जयपुर में बीते चौबीस घंटे में रही बादलों की आवाजाही आज थम गई है और खिली धूप भी सुबह से तीखे तेवर दिखाने लगी है। हवा में नमी के कारण रात में ठंडक रहने से सुबह शाम में सर्दी की आहट महसूस होने लगी है। बीती रात शहर के तापमान में पारा 1.4 डिग्री बढ़कर 23 डिग्री रहा वहीं आज सुबह नौ बजे दिन का तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ है। स्थानीय मौसम केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार शहर में आज आंशिक रूप से बादल छाए रहने व दिन में तेज रफ्तार से पश्चिमी हवाएं बहने की संभावना है।
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