जयपुर. रेलवे भले ही यात्री सुविधाओं में विस्तार का दावा करता है लेकिन जयपुर जंक्शन, गांधीनगर स्टेशन को छोड़कर राजधानी के दुर्गापुरा, कनकपुरा, ढेहर के बालाजी समेत कुल 6 रेलवे स्टेशनों की हालत देखकर यह दावा महज कागजी ही नजर आ रहा है। हाल यह है कि जयपुर जंक्शन पर प्रतिदिन 248 ट्रेनें ठहरती हैं लेकिन 6 रेलवे स्टेशनों पर 150 से ज्यादा ट्रेनों नहीं रुक रही हैं। खातीपुरा व सांगानेर जैसे रेलवे स्टेशनों पर महज 8-8 ही ट्रेनें रुक रहीं हैं। इस कारण लाखों यात्रियों को रेल सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। राजस्थान पत्रिका ने इस मामले को लेकर पड़ताल की, जिसमें यह स्थिति सामने आई है। छह स्टेशनों पर नहीं बढ़ रहा यात्री भार ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से छह स्टेशन दुर्गापुरा, कनकपुरा, जगतपुरा, खातीपुरा, ढेहर के बालाजी और सांगानेर पर न तो यात्री भार में वृद्धि हो रही है और न ही यात्री सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। इनमें से कई ट्रेनों के ठहराव के लिए लंबे समय से मांग चल रही है। इन स्टेशनों के चारों ओर घनी आबादी है। जिसमें वैशालीनगर, मानसरोवर, सांगानेर, टोंक रोड, झोटवाड़ा, विद्याधर नगर, सीकर रोड, जगतपुरा, इंदिरा गांधी नगर शामिल है। 8 से 25 किमी जाना पड़ रहास्टेशन नजदीक होने के बावजूद यात्रियों को ट्रेन पकडऩे के लिए 8 से 25 किमी तक दूरी तय जयपुर जंक्शन जाना पड़ता है। इसके लिए उन्हें भारी ट्रैफिक से भी जूझना पड़ता है। लोगों का कहना है कि अगर रेलवे ध्यान दे तो जयपुर जंक्शन का भार कम हो जाएगा साथ ही घर के नजदीक ट्रेन की सुविधा मिल सकेगी। यह ट्रेनें नहीं रुकती राजधानी के गैटोर-जगतपुरा स्टेशन पर 102 ट्रेन, खातीपुरा में 118 ट्रेन, दुर्गापुरा में 7, सांगानेर में 64, कनकपुरा में 172 और ढहर का बालाजी में 14 ट्रेनें रुकती नहीं है। इनमें मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट व स्पेशल और प्रीमियम ट्रेनें शामिल हैं। सुविधाएं भी नहीं सांगानेर, ढेहर के बालाजी, कनकपुरा रेलवे स्टेशनों पर एसी वेटिंग रूम, क्लॉक रूम, एस्केलेटर, रिटायरिंग रूम जैसी सुविधाओं का अभाव है। यहां तक कि ठंडे पानी की भी व्यवस्था नहीं है। इन स्टेशनों पर रिजर्वेशन काउंटर भी आठ घंटे से ज्यादा नहीं खुलते हैं। इस कारण यहां प्रतिदिन 250 से ज्यादा रिजर्वेशन नहीं हो रहे। कनकपुरा में रोजाना 40-50 ही रिजर्वेशन होते हैं। रेलवे का राजस्व भी बढ़ेगाकनकपुरा, सांगानेर, दुर्गापुरा, ढेहर के बालाजी स्टेशन पर ज्यादा से ज्यादा यात्री ट्रेनों का ठहराव होना चाहिए। यात्री सुविधाएं विकसित हों तो लाखों यात्रियों को फायदा मिलेगा। हांफ रहे जयपुर जंक्शन का भार भी कम हो जाएगा। इससे रेलवे का राजस्व भी बढ़ेगा।रजनीश शर्मा, ट्रेन ऑपरेशनल एक्सपर्ट ट्रेनों का ठहराव यात्री भार व रेलवे बोर्ड के मापदंड के अनुसार तय होता है। हालांकि खातीपुरा सैटेलाइट बन गया है। वहां से ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। सांगानेर स्टेशन का भी विकास होना है। अन्य स्टेशनों पर ठहराव दिए जा रहे हैं। - शशिकिरण, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर पश्चिम रेलवे
जयपुर. रेलवे भले ही यात्री सुविधाओं में विस्तार का दावा करता है लेकिन जयपुर जंक्शन, गांधीनगर स्टेशन को छोड़कर राजधानी के दुर्गापुरा, कनकपुरा, ढेहर के बालाजी समेत कुल 6 रेलवे स्टेशनों की हालत देखकर यह दावा महज कागजी ही नजर आ रहा है। हाल यह है कि जयपुर जंक्शन पर प्रतिदिन 248 ट्रेनें ठहरती हैं लेकिन 6 रेलवे स्टेशनों पर 150 से ज्यादा ट्रेनों नहीं रुक रही हैं। खातीपुरा व सांगानेर जैसे रेलवे स्टेशनों पर महज 8-8 ही ट्रेनें रुक रहीं हैं। इस कारण लाखों यात्रियों को रेल सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। राजस्थान पत्रिका ने इस मामले को लेकर पड़ताल की, जिसमें यह स्थिति सामने आई है। छह स्टेशनों पर नहीं बढ़ रहा यात्री भार ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से छह स्टेशन दुर्गापुरा, कनकपुरा, जगतपुरा, खातीपुरा, ढेहर के बालाजी और सांगानेर पर न तो यात्री भार में वृद्धि हो रही है और न ही यात्री सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। इनमें से कई ट्रेनों के ठहराव के लिए लंबे समय से मांग चल रही है। इन स्टेशनों के चारों ओर घनी आबादी है। जिसमें वैशालीनगर, मानसरोवर, सांगानेर, टोंक रोड, झोटवाड़ा, विद्याधर नगर, सीकर रोड, जगतपुरा, इंदिरा गांधी नगर शामिल है। 8 से 25 किमी जाना पड़ रहास्टेशन नजदीक होने के बावजूद यात्रियों को ट्रेन पकडऩे के लिए 8 से 25 किमी तक दूरी तय जयपुर जंक्शन जाना पड़ता है। इसके लिए उन्हें भारी ट्रैफिक से भी जूझना पड़ता है। लोगों का कहना है कि अगर रेलवे ध्यान दे तो जयपुर जंक्शन का भार कम हो जाएगा साथ ही घर के नजदीक ट्रेन की सुविधा मिल सकेगी। यह ट्रेनें नहीं रुकती राजधानी के गैटोर-जगतपुरा स्टेशन पर 102 ट्रेन, खातीपुरा में 118 ट्रेन, दुर्गापुरा में 7, सांगानेर में 64, कनकपुरा में 172 और ढहर का बालाजी में 14 ट्रेनें रुकती नहीं है। इनमें मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट व स्पेशल और प्रीमियम ट्रेनें शामिल हैं। सुविधाएं भी नहीं सांगानेर, ढेहर के बालाजी, कनकपुरा रेलवे स्टेशनों पर एसी वेटिंग रूम, क्लॉक रूम, एस्केलेटर, रिटायरिंग रूम जैसी सुविधाओं का अभाव है। यहां तक कि ठंडे पानी की भी व्यवस्था नहीं है। इन स्टेशनों पर रिजर्वेशन काउंटर भी आठ घंटे से ज्यादा नहीं खुलते हैं। इस कारण यहां प्रतिदिन 250 से ज्यादा रिजर्वेशन नहीं हो रहे। कनकपुरा में रोजाना 40-50 ही रिजर्वेशन होते हैं। रेलवे का राजस्व भी बढ़ेगाकनकपुरा, सांगानेर, दुर्गापुरा, ढेहर के बालाजी स्टेशन पर ज्यादा से ज्यादा यात्री ट्रेनों का ठहराव होना चाहिए। यात्री सुविधाएं विकसित हों तो लाखों यात्रियों को फायदा मिलेगा। हांफ रहे जयपुर जंक्शन का भार भी कम हो जाएगा। इससे रेलवे का राजस्व भी बढ़ेगा।रजनीश शर्मा, ट्रेन ऑपरेशनल एक्सपर्ट ट्रेनों का ठहराव यात्री भार व रेलवे बोर्ड के मापदंड के अनुसार तय होता है। हालांकि खातीपुरा सैटेलाइट बन गया है। वहां से ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। सांगानेर स्टेशन का भी विकास होना है। अन्य स्टेशनों पर ठहराव दिए जा रहे हैं। - शशिकिरण, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर पश्चिम रेलवे