मकान को बताते प्लॉट, स्टाम्प ड्यूटी की होती थी चोरी
पक्षकार मुद्रांक और पंजीयन शुल्क बचाने के लिए रजिस्ट्री के समय पेश किए जाने वाले दस्तावेजों में सम्पत्ति के वास्तिविक मूल्य को काफी कम बताते हैं। पक्षकार स्टाम्प ड्यूटी बचाने के लिए मकान को प्लॉट बताते हैं, तो कोई दुकानों को मकान। इस तरह के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस वजह से विभाग को प्रति वर्ष करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है। निरीक्षण के बाद बकाया मुद्रांक शुल्क वसूली के लिए भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
पक्षकार मुद्रांक और पंजीयन शुल्क बचाने के लिए रजिस्ट्री के समय पेश किए जाने वाले दस्तावेजों में सम्पत्ति के वास्तिविक मूल्य को काफी कम बताते हैं। पक्षकार स्टाम्प ड्यूटी बचाने के लिए मकान को प्लॉट बताते हैं, तो कोई दुकानों को मकान। इस तरह के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस वजह से विभाग को प्रति वर्ष करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है। निरीक्षण के बाद बकाया मुद्रांक शुल्क वसूली के लिए भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
नए आदेशों के तहत पहले सम्पत्ति की जांच होगी। इसके बाद ही रजिस्ट्री की जाएगी। जांच तो पहले भी की जाती थी, लेकिन पहले रजिस्ट्री कर दी जाती थी। ऐसे मामलों में कई जगह गड़बड़ी मिलती थी।
राकेश कुमार, सब रजिस्ट्रार, चित्रकूट, जयपुर