scriptरिश्वत ने गिराई सरकारी विभागों की साख, रंगे हाथों रिश्वत लेने के पांच हजार से भी ज्यादा मामले | More than five thousand cases of bribery money in 14 years at Govt department | Patrika News

रिश्वत ने गिराई सरकारी विभागों की साख, रंगे हाथों रिश्वत लेने के पांच हजार से भी ज्यादा मामले

locationजयपुरPublished: Aug 11, 2017 02:21:00 pm

Submitted by:

dinesh

पांच घंटे में दो कार्रवाई से फिर जेडीए की पोल खुलकर आई सामने…

bribery money

9 crores

जयपुर। जेडीए में रिश्वत के खेल ने एक बार फिर से सरकारी कार्मिकों की पोल खोल दी है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम हर साल पांच सौ से आठ सौ सरकारी कार्मिकों को घूस लेते रंगे हाथों दबोच रही है, लेकिन उसके बाद भी रिश्वत लेने के मामले कम होने की जगह तेजी से बढ़ रहे हैं। यह हालात तो तब हैं जब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के तीस प्रतिशत से भी ज्यादा पर रिक्त पड़े हैं। 2005 से 2016 तक 5099 रंगे हाथों गिरफ्तार
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने प्रदेश के 137 सरकारी विभागों में १२ साल में करीब छह हजार कार्रवाई कर डाली। ये वे कार्मिक हैं जो रंगे हाथों रिश्वत लेते धरे गए। 2005 से 2016 तक की गई इस कार्रवाई में सबसे ऊपर राजस्व विभाग है। इस विभाग में चौदह साल में 807 कार्मिकों को एसीबी ने रंगे हाथों धरा है। दूसरा सरकारी विभाग पुलिस है। पुलिस विभाग से एसीबी ने 647 कर्मियों को रंगे हाथों दबोचा है। तीसरा सरकारी विभाग पंचायती राज है जहां पर एसीबी ने 588 कार्रवाई की है। चौथे नंबर पर चल रहे यूडीएच में सरकार ने 385 ट्रेप किए हैं। वहीं पांचवे नंबर पर 348 ट्रेप के साथ बिजली विभाग है।
वैसे टॉप फोर में, लेकिन मोटी रकम लेने में सबसे ऊपर
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अफसरों की मानें तो सरकारी विभागों में रिश्वत लेने के मामले में यूडीएच विभाग वैसे तो चौथे नंबर पर है, लेकिन विभाग के कार्मिक मोटी रकम लेने के मामले में प्रदेश में सबसे अव्वल हैं। विभाग के अफसरों ने बताया कि पंचायती राज विभाग, पुलिस विभाग और राजस्व विभाग में अधिकतर ट्रेप एक हजार से पांच हजार रुपए के बीच में रिश्वत लेने के किए गए हैं। लेकिन यूडीएच ही एक ऐसा विभाग हैं जहों पर पांच हजार से दस हजार रुपए और इससे ज्यादा रकम के ट्रेप किए गए हैं। पिछले तीन से चार साल में तो यूडीएच में जितने भी ट्रेप हुए हैं वे बीस हजार रुपए से ज्यादा की रकम लेने के दौरान किए गए हैं।
नौ साल से लगातार बढ़ रहा था ग्राफ, सरकार बदली तो गिरा ग्राफ
गुजरे १२ साल के ट्रेप पर गौर किया जाए तो साल 2005 से 2013 तक तो ट्रेप का ग्राफ हर साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा रहा। लेकिन जैसे ही सरकारी बदली तो तीन साल में ट्रेप का ग्राफ भी गिरा। एसीबी ने साल 2005 मे 309, 2006 में 370, 2007 में 341, 2008 में 341, 2009 में 335, 2010 में 407, 2011 में 516, 2012 में 567 और 2013 में 608 सरकारी कार्मिकों को रंगे हाथों रिश्वत लेने के दौरान ट्रेप किया गया। सरकार बदलने के बाद ट्रेप में गिरावट हुई। साल 2014 में 503, साल 2015 में 401 और साल 2016 में एसीबी ने 420 ट्रेप किए।
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