वैसे टॉप फोर में, लेकिन मोटी रकम लेने में सबसे ऊपर
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अफसरों की मानें तो सरकारी विभागों में रिश्वत लेने के मामले में यूडीएच विभाग वैसे तो चौथे नंबर पर है, लेकिन विभाग के कार्मिक मोटी रकम लेने के मामले में प्रदेश में सबसे अव्वल हैं। विभाग के अफसरों ने बताया कि पंचायती राज विभाग, पुलिस विभाग और राजस्व विभाग में अधिकतर ट्रेप एक हजार से पांच हजार रुपए के बीच में रिश्वत लेने के किए गए हैं। लेकिन यूडीएच ही एक ऐसा विभाग हैं जहों पर पांच हजार से दस हजार रुपए और इससे ज्यादा रकम के ट्रेप किए गए हैं। पिछले तीन से चार साल में तो यूडीएच में जितने भी ट्रेप हुए हैं वे बीस हजार रुपए से ज्यादा की रकम लेने के दौरान किए गए हैं।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अफसरों की मानें तो सरकारी विभागों में रिश्वत लेने के मामले में यूडीएच विभाग वैसे तो चौथे नंबर पर है, लेकिन विभाग के कार्मिक मोटी रकम लेने के मामले में प्रदेश में सबसे अव्वल हैं। विभाग के अफसरों ने बताया कि पंचायती राज विभाग, पुलिस विभाग और राजस्व विभाग में अधिकतर ट्रेप एक हजार से पांच हजार रुपए के बीच में रिश्वत लेने के किए गए हैं। लेकिन यूडीएच ही एक ऐसा विभाग हैं जहों पर पांच हजार से दस हजार रुपए और इससे ज्यादा रकम के ट्रेप किए गए हैं। पिछले तीन से चार साल में तो यूडीएच में जितने भी ट्रेप हुए हैं वे बीस हजार रुपए से ज्यादा की रकम लेने के दौरान किए गए हैं।
नौ साल से लगातार बढ़ रहा था ग्राफ, सरकार बदली तो गिरा ग्राफ
गुजरे १२ साल के ट्रेप पर गौर किया जाए तो साल 2005 से 2013 तक तो ट्रेप का ग्राफ हर साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा रहा। लेकिन जैसे ही सरकारी बदली तो तीन साल में ट्रेप का ग्राफ भी गिरा। एसीबी ने साल 2005 मे 309, 2006 में 370, 2007 में 341, 2008 में 341, 2009 में 335, 2010 में 407, 2011 में 516, 2012 में 567 और 2013 में 608 सरकारी कार्मिकों को रंगे हाथों रिश्वत लेने के दौरान ट्रेप किया गया। सरकार बदलने के बाद ट्रेप में गिरावट हुई। साल 2014 में 503, साल 2015 में 401 और साल 2016 में एसीबी ने 420 ट्रेप किए।
गुजरे १२ साल के ट्रेप पर गौर किया जाए तो साल 2005 से 2013 तक तो ट्रेप का ग्राफ हर साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा रहा। लेकिन जैसे ही सरकारी बदली तो तीन साल में ट्रेप का ग्राफ भी गिरा। एसीबी ने साल 2005 मे 309, 2006 में 370, 2007 में 341, 2008 में 341, 2009 में 335, 2010 में 407, 2011 में 516, 2012 में 567 और 2013 में 608 सरकारी कार्मिकों को रंगे हाथों रिश्वत लेने के दौरान ट्रेप किया गया। सरकार बदलने के बाद ट्रेप में गिरावट हुई। साल 2014 में 503, साल 2015 में 401 और साल 2016 में एसीबी ने 420 ट्रेप किए।