कांफ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. मुकेश कल्ला ने बताया कि कार्यशाला के पहले दिन अत्याधुनिक ईएसजी, पोयम और ईयूएस-ईआरसीपी तकनीक से पेट की सर्जरी करने के बारे में जानकारी दी गई। इसके लिए विशेषज्ञों ने सर्जरी की जिसका लाइव टेलीकास्ट आयोजन स्थल पर किया गया।
एसजीईआई के राजस्थान चेप्टर सचिव डॉ. संदीप निझावन ने बताया कि राजस्थान में पहली बार इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें अत्याधुनिक तकनीकों की जानकारियां साझा की जा रही हैं। इंदौर से आए डॉ. मोहित भंडारी ने बताया कि मोटापे के साथ मरीजों को डायबिटीज, बीपी, जोड़ों में दर्द और खर्राटे की भी शिकायत होती है। जिनका बीएमआई 30 से ज्यादा होता है, उनके लिए मोटापा कम करना बेहद जरूरी होता है।
अभी तक जीवन शैली में सुधार कर या बैरियाट्रिक सर्जरी से पेट को कम किया जाता था। इस सर्जरी के बाद मरीज को उम्रभर विटामिन के इंजेक्शन लेने की जरूरत पड़ती थी। लेकिन नई एंडोस्कोपी स्लीव गेस्ट्रोप्लास्टी (ईएसजी) से इसी तरह का काम बिना किसी चीर-फाड़ के किया जाता है। हैदराबाद के डॉ. संदीप लखटाकिया ने इंट्रागैस्ट्रिक बैलून तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस तकनीक में बिना किसी सर्जरी के मरीज के पेट में बैलून डालकर उसके पेट की भराव क्षमता कम की जाती है और प्रक्रिया पूरी करने के तुरंत बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी भी मिल जाती है।