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कैदियों के बच्चों का मां की तरह रखती ख्याल, देती दुलार लक्ष्मी अशोक

locationजयपुरPublished: May 11, 2019 09:57:01 pm

Submitted by:

Deepshikha Vashista

खुली जेल में महिला कैदियों के बच्चों की देखभाल कर रही लक्ष्मी अशोक

mothers Day

कैदियों के बच्चों का मां की तरह रखती ख्याल, देती दुलार लक्ष्मी अशोक

जयपुर. दिन में जब खुली जेल के कैदी रोजी रोटी कमाने के लिए चले जाते हैं तो वहां सिर्फ रह जाते हैं बंदियों के बच्चे। जो दिनभर धूल मिट्टी में खेलते रहते क्योंकि उनके परिजन दिन में काम पर चले जाते हैं और उनका ख्याल रखने वाला कोई नहीं होता। ऐसा ही नजारा देखने को मिलता था सांगानेर स्थित खुली जेल में। लेकिन शिल्पायन संस्थान की लक्ष्मी अशोक के प्रयासों से यहां क्रेच बनाया जहां बच्चों को अब मां की तरह दुलार मिलता है और उनका ख्याल भी रखा जाता है।
दरअसल हम बात कर रहे हैं सांगानेर खुली जेल की। जहां दिन में महिला कैदी काम पर चली जाती। ऐसे में पीछे उनके छोटे बच्चों का ख्याल रखने वाला कोई नहीं होता था। इन महिलाओं की इस समस्या को दूर करने का जिम्मा लिया परिवार परामर्श और खुली जेल के कैदियों के लिए काम करने वाली संस्था शिल्पायन ने।
महिलाएं चिंतामुक्त होकर काम कर सकें और उनके बच्चों की सही से कोई देखभाल भी कर सके। इसके लिए शिल्पायन संस्था की लक्ष्मी अशोक ने जेल में एक क्रेच बनाया है, जहां बच्चों की देखभाल की जाती है। लक्ष्मी अशोक ने बताया कि कैदियों की कमाई ज्यादा नहीं होती इसलिए क्रेच में आने वाले बच्चों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। यहां करीब 25 बच्चे हैं।

ऐसे संभालते हैं बच्चों को

शुरू में तो संस्था ने खुद के खर्चे पर ही क्रेच शुरु किया। बाद में संस्था के प्रयास वर्ष 2006 में राजीव गांधी शिशुपालना गृह योजना के तहत जेल परिसर में क्रेच खोला गया। बच्चों को संभालने के लिए दो आया काम करती हैं।
जब मां-बाप काम पर निकलते हैं, तो जाने से पहले अपने बच्चों को क्रेच में छोड़कर जाते हैं। यहां आया इन्हें भूख लगने पर खान खिलाती है, पढऩा सिखाती है और जब इन्हें अपनी मम्मी की याद आती है तो मां बनकर खेल खिलाकर इनका मन बहलाती है। साथ ही बच्चों को पढ़ाया जाता है उनके लिए चित्रकला प्रतियोगिता और विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं करवाई जाती है। ताकि बच्चों का मानसिक और शारिरिक विकास हो सके।
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