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‘पार्टी एक, बयान अलग’: राजे-राठौड़-पूनिया के ‘विरोध’ के बीच BJP सांसद डॉ किरोड़ी का ‘समर्थन’, जानें क्या है मामला?

locationजयपुरPublished: Dec 30, 2020 12:37:15 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

जेईएन भर्ती परीक्षा रद्द मामला, भाजपा नेताओं के बयानों में ही दिख रहा ‘गतिरोध’, सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार के फैसले का किया स्वागत, भर्ती रद्द की मांग पर युवाओं के साथ आंदोलन में उतरे थे मीणा
 

MP Kirori Lal Meena in support of JEN exam cancellation

जयपुर।

राज्य सरकार की ओर से एक दिन में दो भर्ती परीक्षाएं रद्द किये जाने के मामले के बाद सियासी पारा गरमा गया है। प्रमुख विरोधी दल भाजपा ने प्रदेश के लाखों बेरोजगारों से जुड़े इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाना शुरू कर दिया है। पार्टी नेताओं ने कल एक के बाद एक सरकार विरोधी बयान जारी करने में देर नहीं की। लेकिन इन विरोधी बयानों के बीच एक दिलचस्प बात भी देखने को मिली।

 

दरअसल, जेईएन भर्ती परीक्षा रद्द किये जाने के मामले पर जहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने सरकार का विरोध जताया, वहीं उनसे ठीक उलट भाजपा के ही राज्य सभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने जेईएन भर्ती रद्द किये जाने पर खुलकर ख़ुशी जताई।

 

रद्द परीक्षा को भाजपा सांसद का समर्थन
सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने जेईएन परीक्षा रद्द होने पर दी अपनी प्रतिक्रिया में इसे सभी युवाओं की संघर्ष की जीत करार दिया। उन्होंने कहा कि 14 दिसंबर को हुई इस भर्ती परीक्षा में पेपर आउट होने की बात सामने आई थी, जिसके बाद प्रताड़ित अभ्यर्थियों के साथ मिलकर आंदोलन शुरू किया गया था। अब जब परिक्षा को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने रद्द कर दिया है, तब इस आंदोलन का सुखद अंत हुआ है।

 

डॉ मीणा ने सरकार से आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से आयोजन करने की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि सरकार मेहनती युवाओं का भरोसा बरकरार रखे। यदि इसमें किसी तरह की कोताही बरती गई तो इसे बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

 

परीक्षा रद्द करवाने पर अड़े थे भाजपा सांसद
भाजपा से राज्य सभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने बीते दिनों खुद सडकों पर उतरकर जेईएन भर्ती रद्द किये जाने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई थी। सांसद ने सरकार को अल्टीमेटम और चेतावनी देते हुए परीक्षा रद्द किये जाने की मांग की थी। उन्होंने परीक्षा में पेपर आउट होने की आशंका जताते हुए युवाओं के विरोध और आंदोलन तक में साथ दिया था।

 

इधर विरोध के स्वर…
जेईएन भर्ती रद्द का जहां भाजपा सांसद डॉ मीणा ने स्वागत किया है, तो वहीं भाजपा के ही नेताओं ने परिक्षा के रद्द किये जाने पर एतराज़ जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सरकार की कार्यशैली को कटघरे में रखते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार अगर युवाओं को रोजगार नहीं दे सकती तो कम से कम उनके सपनों का मजाक तो ना बनाएं। सरकार विचार करे कि प्रशासन की लापरवाही से उन छात्रों के दिल पर क्या गुज़रेगी जो वर्षों से तैयारी कर रहे हैं।

 

‘युवाओं से वादाखिलाफी कर रही सरकार’
राजे ने कहा कि जेईएन के अलावा पटवार, लाइब्रेरियन सहित कई भर्ती परीक्षाओं में प्रशासनिक असंवेदनशीलता खुलकर सामने आई है। पूर्ववर्ती सरकार का उदाहरण देते हुए राजे ने कहा कि एक हमारी भाजपा सरकार थी, जिसने भर्ती का रिकॉर्ड बनाकर लाखों युवाओं को रोजगार दिया, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार है, जिसने नौकरी के नाम पर उनसे सिर्फ़ वादा खिलाफ़ी की है।

 

‘स्थिति स्पष्ट करें मुख्यमंत्री’
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां ने भी जेईएन भर्ती रद्द मामले पर सरकार को घेरा है। पूनियां ने सरकार से सवाल किया कि आखिर सरकार रोजगार की तलाश में परिश्रम कर रहे अभ्यर्थियों से चाहते क्या हैं? उन्होंने मुख्यमंत्री से सरकार की बेरोजगार युवाओं को लेकर स्थिति स्पष्ट स्पष्ट करने की अपील भी की।

 

‘प्रशासनिक व्यवस्था के मुंह पर तमाचा’
भाजपा के वरिष्ठ नेता व उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि जेईएन सहित कई भर्ती परीक्षाओं का स्थगित होना राज्य सरकार की बड़ी विफलता है। सरकार दो वर्षों में युवाओं के भविष्य के प्रति जरा भी गंभीर नहीं दिखी है। भर्तियों का स्थगित होना सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था के मुंह पर तमाचा है।

 

 

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