कुछ स्थानों पर तो ऐसा भी मिला जहां सांसद खुद ही विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। आज बता रहे हैं बाड़मेर-जैसलमेर, बांसवाड़ा, अजमेर व कोटा-बूंदी के सांसदों का हाल…
सांसद, पूर्व सांसद सब टिकट की दौड़ में
बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र में चुनावी राजनीति की अलग तस्वीर है। सांसद, पूर्व सांसद, सभी विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार हैं। सांसद कर्नल सोनाराम खुद भी बाड़मेर विधानसभा से विधायकी की दौड़ में है। लोकसभा चुनाव में उनके निकटतम प्रतिद्वन्द्वी रहे जसवंतसिंह बीमार हैं। लेकिन उनके पुत्र मानवेंद्र ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली। कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व सांसद हरीश चौधरी भी बायतू से विधानसभा चुनाव लडऩे के मूड में हैं। वे वहीं अपना डेरा डाले हुए हैं। हालांकि कांग्रेस में मानवेन्द्र के बाद हरीश के लिए चुनौती माना जा रहा है।
बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र में चुनावी राजनीति की अलग तस्वीर है। सांसद, पूर्व सांसद, सभी विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार हैं। सांसद कर्नल सोनाराम खुद भी बाड़मेर विधानसभा से विधायकी की दौड़ में है। लोकसभा चुनाव में उनके निकटतम प्रतिद्वन्द्वी रहे जसवंतसिंह बीमार हैं। लेकिन उनके पुत्र मानवेंद्र ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली। कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व सांसद हरीश चौधरी भी बायतू से विधानसभा चुनाव लडऩे के मूड में हैं। वे वहीं अपना डेरा डाले हुए हैं। हालांकि कांग्रेस में मानवेन्द्र के बाद हरीश के लिए चुनौती माना जा रहा है।
निनामा, मालवीया दोनों की सक्रियता बढ़ी
चुनाव की घोषणा के बाद सांसद मानशंकर निनामा और उनकी निकटतम प्रत्याशी रही कांग्रेस की रेशम मालवीया ने सक्रियता बढ़ाई दी है। सांसद निनामा को घाटोल विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की ओर से टिकट का दावेदार माना जा रहा है। हालांकि उन्होंने पुष्टि नहीं की है। 8 विधानसभा सीटों वाले लोकसभा क्षेत्र में निनामा ने 2014 का लोकसभा चुनाव करीब 12 हजार वोटों से जीता था। मालवीया स्वयं जिला प्रमुख भी हैं एवं पूर्व मंत्री एवं बागीदोरा से मौजूदा कांग्रेस विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीया की पत्नी हैं।
प्रदेश में सक्रिय, खुद भी केकड़ी से दावेदार
अजमेर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा से सीट छीनने के बाद सांसद बने रघु शर्मा विधानसभा चुनाव के लिए भी खासे सक्रिय हैं। कांग्रेस चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष होने के नाते पूरे प्रदेश में भी उनकी सक्रियता है। चर्चा है कि वह केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩा चाहते हैं। जनवरी 2018 को हुए लोकसभा उपचुनाव में शर्मा ने पूर्व सांसद सांवरलाल जाट के पुत्र व भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप लाम्बा को करीब 84 हजार मतों से हराया। लाम्बा भी इन दिनों क्षेत्र में सक्रिय हैं। लाम्बा भी नसीराबाद से टिकट के प्रयास में जुटे हुए हैं।
अजमेर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा से सीट छीनने के बाद सांसद बने रघु शर्मा विधानसभा चुनाव के लिए भी खासे सक्रिय हैं। कांग्रेस चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष होने के नाते पूरे प्रदेश में भी उनकी सक्रियता है। चर्चा है कि वह केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩा चाहते हैं। जनवरी 2018 को हुए लोकसभा उपचुनाव में शर्मा ने पूर्व सांसद सांवरलाल जाट के पुत्र व भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप लाम्बा को करीब 84 हजार मतों से हराया। लाम्बा भी इन दिनों क्षेत्र में सक्रिय हैं। लाम्बा भी नसीराबाद से टिकट के प्रयास में जुटे हुए हैं।
बूथ स्तर तक मजबूत कर रहे रणनीति
आचार संहिता के बाद कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला की गतिविधियां और तेज हो गई हैं। संसदीय क्षेत्र में बूथ की बैठकें ले रहे हैं और ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करने में व्यस्त है। फोकस कोटा दक्षिण विधानसभा पर अधिक है। यह विधायक के तौर पर उनका निर्वाचन क्षेत्र भी रहा था। बिरला 2003 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। लगाातर तीन बार विधायक रहे और 2014 में सांसद बने। आठों विधानसभा क्षेत्रों में उनको बढ़त मिली थी।निकटतम प्रतिद्वंद्वी इज्यराज सिंह की भी लाडपुरा और पीपल्दा सीटों पर दावेदारी की भी चर्चाएं हैं।
आचार संहिता के बाद कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला की गतिविधियां और तेज हो गई हैं। संसदीय क्षेत्र में बूथ की बैठकें ले रहे हैं और ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करने में व्यस्त है। फोकस कोटा दक्षिण विधानसभा पर अधिक है। यह विधायक के तौर पर उनका निर्वाचन क्षेत्र भी रहा था। बिरला 2003 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। लगाातर तीन बार विधायक रहे और 2014 में सांसद बने। आठों विधानसभा क्षेत्रों में उनको बढ़त मिली थी।निकटतम प्रतिद्वंद्वी इज्यराज सिंह की भी लाडपुरा और पीपल्दा सीटों पर दावेदारी की भी चर्चाएं हैं।