त्योहारी सीजन के मद्देनजर मांग बढ़ाने एवं लोगों को सरलता से ऋण उपलब्ध कराने के लिए 400 जिलों में 15 अक्टूबर तक ऋण वितरण शिविर लगाए जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आम धारणा बन चुकी है कि बैंकों के पास पूंजी है, लेकिन बैंक वित्त उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों ने तरलता बढ़ाने के निर्देश के तहत गैर बैंङ्क्षकग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ मिलकर पूंजी की उपलब्धता बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है और इसी क्रम में 29 सितंबर तक देश के 200 जिलों में और 10 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच अन्य 200 जिलों में ऋण वितरण शिविर लगाए जाएंगे । इन शिविरों में आवास ऋण, वाहन त्ऋण, व्यक्तिगत ऋण, एमएसएमएई ऋण, मुद्रा ऋण और किसान उत्पाद संगठन (एफपीओ) को ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बैंक एनबीएफसी के साथ मिलकर ये शिविर लगाएंगे और कोशिश होगी कि इसमें अधिकाधिक लोगों को ऋण मिल सके। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ हुई इस बैठक में ऋण उठाव, नीतिगत दरों में हुई कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने और बैंकों के विलय आदि की समीक्षा की गई।