गत 2 जून को अमेया के परिवार वाले उसे भारत लाए। अमेया का वर्तमान में जयपुर के ईटरनल हार्ट केयर एण्ड रिसर्च इन्स्टीट्यूट में इलाज चल रहा है। चिकित्सकों ने इस इलाज का खर्च अनुमानित 60 लाख रुपए बताया है, साथ ही यह भी कहा कि समय पर हालत ने सुधार नहीं हो पाने की स्थिति में यह लागत और भी बढ़ सकती है। गौरलतलब है कि गुइलेन बेरी सिंड्रोम एक दुर्लभ लेकिन गंभीर ऑटोइम्यून विकार है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली आपके पेरीफेलर नर्वस सिस्टम (पीएनएस) में स्वस्थ तंत्रिका कोशिकाओं पर हमला करता है। इससे कमजोरी, सुन्नता और झुनझुनी होती है, और अंतत: लकवा तक हो सकता है।
इस बेहद महंगे इलाज का खर्चा नहीं उठा पाने की स्थिति में अमेया के पिता संजय भारद्वाज ने क्राउड फण्डिंग के लिए इम्पेक्टगुरूडॉटकॉम पर अपील की। अब तक अमेया के लिए इम्पेक्टगुरू पेज पर 2200 दानदाताओं के माध्यम से 36.77 लाख रुपए जुटाए जा चुके हैं। हेल्थकेयर क्राउडफंडिंग चिकित्सा खर्चों के लिए ऑनलाइन धन जुटाने का एक वैकल्पिक तरीका है।