इस म्यूजियम में रखी ममीज में बड़ी तादाद में उन लोगों की बॉडी शामिल है जो 1833 में मेक्सिको के गुआनाजुआटो के आसपास महामारी की चपेट में आने से मौत के मुंह में समा गए थे। उस दौरान लोगों के हालात को दर्शाता है यह म्यूजियम। लोग जो चीखते हुए मर गए। मरते वक्त उनके मुंह खुले के खुले ही रह गए। गुआनाजुआटो का वातावरण भी ऐसा था कि इंसानी बॉडी का ममीकरण हो गया। बाद में 1969 में इन ममीज को संग्रहीत कर संग्रहालय का रूप दिया गया। इन ममीज का देखकर रूह कांप जाती है। एक डरावना सा मंजर सामने आता है और दिल धक् धक् करने लगता है।