यह व्यवस्था पहले से ही इंदौर में चल रही थी, जहां यह काफी प्रभावी रही जिसके चलते महापौर ने जल्द ही जयपुर शहर में भी यह व्यवस्था लागू करने के संकेत दिए हैं। इसके लिए अलग टीम या एजेंसी होगी, जो राउंड-द-क्लॉक पेट्रोलिंग करेगी। गौरतलब है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में जयपुर शहर को 39 वीं रैंक मिली है जबकि पिछले वर्ष यह 215 थी।
प्रभाव बाद में, सफाई पहले सड़क व सार्वजनिक इमारतों पर गंदगी को लेकर निगम ने सख्ती दिखते हुए और कैरिंग चार्ज के रूप में एक ही मामले में 3 लाख रुपए तक वसूले थे। जिसके चलते घबराए विधायकों ने नगरीय विकास मंत्री के जरिए पिछले वर्ष 22 अगस्त को जुर्माना राशि कम करने का दबाव भी बनाया। लेकिन अगले ही दिन 3 लाख रुपए तक वसूले गए।
सफाई इसलिए जरूरी शहर से कचरा एकत्र कर डंपिंग स्टेशन तक पहुंचाने पर नगर निगम करीब 1.65 रुपए प्रति किलो का खर्च वहन कर रहा है। इस बारे में बात करते हुए महापौर अशोक लोहाटी ने कहा की स्वच्छता में जिस रैंक पर आए हैं, हमे उससे भी आगे जाना है। इंदौर में कई काम बेहतर हो रहे हैं, जिन्हें हमें अपनाना चाहिए और हमारे शहर को स्वच्छ बनाना चाहिए। घर-प्रतिष्ठान के बाहर कचरा मिलने पर उसी पर जुर्माना लगाया जाएगा। इससे स्थानीय निवासी और दुकानदार अलर्ट होंगे।