वैसे भी इस बार महापौर और सभापति का चुनाव सीधे जनता के द्वारा किया जाएगा, ऐसे में वे नेता जिन्हें विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिल पाया था। वो इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। कुछ नेताओं ने पोस्टर्स-बैनर छपवाकर संकेत भी दिए हैं कि वे निकाय चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।
साथ ही अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर संपर्क बनाए हुए है। राजधानी जयपुर सहित, अजमेर, कोटा, जोधपुर, कोटा, बीकानेर और भरतपुर में नगर निगम है, जहां मेयर का चुनाव होगा। सातों नगर निगम सहित 44 निकायों में चुनाव होने हैं। इसके बाद जुलाई 2020 में 137 स्थानीय निकायों के चुनाव होंगे। हालांकि 2009 में पहली बार महापौर का चुनाव सीधे जनता के द्वारा किया गया था। बाद में भाजपा सरकार ने महापौर के सीध चुनाव पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब फिर से निकाय प्रमुखों के सीधे चुनाव हो रहे हैं।
जयपुर में आधा दर्जन से ज्यादा नेता कतार
जयपुर शहर की बात करें तो विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में दावेदारी जता चुके आधा दर्जन से ज्यादा नेता अब महापौर के टिकट पाने के लिए दावेदारी जता रहे हैं, इन नेताओं को आस है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार होने से जनता कांग्रेस प्रत्याशियों पर ही विश्वास जताएगी। बताया जाता है कि दावेदारी जता रहे नेताओं अब केवल महापौर चुनाव की आरक्षण लॉटरी ही खुलने का इंतजार है कि आखिर लॉटरी में महापौर पद किसके लिए आरक्षित होता है? लॉटरी खुलते ही नेताओं के बीच भागदौड़ और तेज हो जाएगी।
बूथ मैनेजमेंट को मजबूत करने की कवायद
वहीं दूसरी ओर नगर निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। पार्टी में बूथ मैनेजमेंट को लेकर फिर से कवायद हो रही है। बताया जाता है कि आगामी दिनों में बूथ कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर उन्हें बूथ मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी।