राजनीतिक जानकार निकाय चुनाव को विधानसभा उपचुनाव का सेमीफाइनल मानकर चल रहे हैं। बताया जाता है कि निकाय चुनाव के परिणाम काफी हद तक उपचुनावों पर असर डालेंगे। सत्तारूढ़ कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा को भी निकाय चुनाव के जरिए अपनी स्थिति को जानने का मौका मिलेगा।
90 निकायों में से पांच निकाय ऐसे भी हैं जो चार सीटों पर होने विधानसभा उपचुनाव के क्षेत्रों में आते हैं। ऐसे में अगर निकायों में सत्तारूढ़ कांग्रेस की जीत होती है तो माना जाएगा कि इन विधानसभा क्षेत्रों की जनता सरकार के कामकाज से खुश है और निकाय चुनाव में हार होती है तो उपचुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस को लाज बचाने के लिए पूरी ताकत झोंकनी पड़ेगी।
इन पांच निकायों के परिणाम डालेंगे उपचुनाव पर असर
प्रदेश के 90 निकायों में चुनाव भले हो, लेकिन सभी की निगाहें जिन पांच निकायों पर सबसे ज्यादा है इनमें कैलाश त्रिवेदी की विधानसभा सहाड़ा की गुलाबपुरा नगर पालिका, मास्टर भंवर लाल मेघवाल की सुजानगढ़ विधानसभा में सुजानगढ़ नगर परिषद और बिदासर नगर पालिका, किरण महेश्वरी की राजसमंद विधानसभा की राजसमंद नगर परिषद और गजेंद्र सिंह शक्तावत की वल्लभनगर विधानसभा सीट की भिंडर नगर पालिका शामिल है।
इन चार सीटों पर होंगे उपचुनाव
दरअसल मार्च-अप्रेल में संभावित जिन चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें सुजानगढ़, सहाड़ा, राजसमंद और वल्लभ नगर है। मास्टर भंवर लाल मेघवाल के निधन से सुजानगढ़, विधायक कैलाश त्रिवेदी से सहाड़ा, किरण महेश्वरी के निधन से राजसमंद और गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन से वल्लभनगर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे।