स्कूल की ड्रेस और बैल्ट से हुई थी पहचान हर्षित के स्कूल की ड्रेस और बैल्ट से उसकी पहचान हुई थी। परिचित का हाथ होने की जताई थी आशंका पुलिस ने घर के अंदर से अपहरण होने पर हत्या के पीछे परिचित का हाथ होने की आशंका जताई थी। लेकिन 10 साल बाद भी पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर सकी। पुलिस ने दो साल पहले हत्यारों के पकड़े नहीं जाने पर मामला बंद कर दिया था। लेकिन हर्षित के पिता मुकेश सोनी और उसकी मां, लगातार अपने बेटे के हत्यारों को पकडऩे के लिए पुलिस, मंत्रियों और मुख्यमंत्री के यहां गुहार लगा रहे थे। करीब सालभर पहले ही हर्षित हत्याकांड की फाइल रिओपन की गई है।
हत्यारे क्यों अब तक बेखौफ घूम रहे पिता मुकेश सोनी ने बताया कि बेटे की हत्या करने वाले समाज में बेखौफ घूम रहे हैं। जब तक हत्यारे पकड़े नहीं जाते, तब तक वो न्याय की उम्मीद में भटकते रहेंगे।
१० अनुसंधान अधिकारियों की निगरानी, पर खाली हाथ हर्षित का शव जिस बोरी में रखा गया, उसमें चीनी के दाने लगे हुए थे। उसी प्रकार की अन्य बोरी हर्षित के घर के एक कमरे से बरामद की गई। हर्षित के शव के साथ मिली स्कूल की बैल्ट में बकल नहीं था। पुलिस को बकल भी घर के अंदर ही मिला था। करीब 10 अनुसंधान अधिकारियों की जांच और कई अधिकारियों की निगरानी के बाद पुलिस के हाथ खाली हैं। वर्तमान में अनुसंधान अधिकारी धर्मेन्द्र सागर ने कहा कि मामले में अनुसंधान चल रहा है। कुछ दिन पहले हर्षित के दादा से संपर्क किया गया था। कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है।