प्राधिकरण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर एन माथुर ने कहा कि प्रदेश में पॉक्सो मामलों के लिए एक कोर्ट खोली गई है और वह भी दूसरी कोर्ट के साथ एक ही परिसर में चल रही है। मॉडल गाइडलाइन की पालना कराई जाए और कोर्ट के लिए भवन बनने का इंतजार करने के बजाय फिलहाल किसी भवन को खाली कराकर कोर्ट शुरु करा दी जाएं। इस पर कोर्ट ने कहा कि एक कमरा बनाना कोर्ट नहीं है, पॉक्सो कोर्ट के लिए विशेष परिसर होना चाहिए। उन्होंने मौजूदा स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सीआरपीसी की भावना पर्याप्त कोर्ट खोलने की है। कोर्ट ने इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर चर्चा के लिए अधिकारियों को शुक्रवार को हाजिर होने को कहा, तो महाधिवक्ता एन एम लोढ़ा ने कहा कि 2-3 दिन का समय दे दिया जाए जिससे अधिकारियों को समस्या जानने का मौका मिल जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि समय तो दो सप्ताह दे दिया जाएगा, लेकिन शुक्रवार की बैठक हालात जानने के लिए होगी।