ऐसे में किसानों को कुछ दिनों में मंडी में चने के भाव भी बढ़ने की आशा है। यही कारण है कि सरसों और चना की समर्थन मूल्य पर खरीद करने के लिए बनाए क्रय केन्द्रों पर किसान अपनी फसल नहीं ला रहे हैं। किसानों का मानना है कि 10 अप्रैल तक चने का भाव बढ़ने का इंतजार किया जाए। अगर भाव नहीं बढ़ेगा तो सरकारी क्रय केन्द्र पर बेच देंगे। राजफेड अधिकारियों के मुताबिक सरकार ने प्रदेश भर में चना के 635 और सरसों के 635 सहित कुल 1270 क्रय केंद्रों पर सरसों और चना की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू की है। किसान के पंजीयन ई-मित्र या संबंधित खरीद केंद्र पर करने की सुविधा दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि अगर खुली मंडी में सरसों के भाव 6000 से ज्यादा रहे तो किसान सरसों बेचने सरकारी केन्द्र पर नहीं आएंगे। मंडी में चने का मूल्य भी अभी स्थिर नहीं हुआ है। मूल्य स्थिर होने के बाद ही किसान अपनी फसल सरकारी क्रय केन्द्रों पर लाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकारी क्रय केन्द्रों पर जून महीने तक समर्थन मूल्य पर खरीद की जाएगी।