जयपुर

क्यों परवान नहीं चढ़ रही समर्थन मूल्य पर चना और सरसों की खरीद….क्रय केन्द्रों पर क्यों नहीं पहुंच रहे किसान….

सहकारिता विभाग की ओर से समर्थन मूल्य पर चना ओर सरसों की खरीद शुरू किए 4 दिन हो गए, लेकिन रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद भी किसान अभी विक्रय केन्द्रों पर पहुंच नहीं रहे हैं। जबकि केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को चना खरीद का 5.97 लाख मीट्रिक टन और सरसों खरीद का 13.03 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य दिया है।

जयपुरApr 04, 2022 / 04:23 pm

Lalit Sharma

क्यों परवान नहीं चढ़ रही समर्थन मूल्य पर चना और सरसों की खरीद….क्रय केन्द्रों पर क्यों नहीं पहुंच रहे किसान….

सहकारिता विभाग की ओर से समर्थन मूल्य पर चना ओर सरसों की खरीद शुरू किए 4 दिन हो गए, लेकिन रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद भी किसान अभी विक्रय केन्द्रों पर पहुंच नहीं रहे हैं। जबकि केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को चना खरीद का 5.97 लाख मीट्रिक टन और सरसों खरीद का 13.03 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य दिया है। सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य 5050 रुपए प्रति क्विंटल और चने का समर्थन मूल्य 5230 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 25 मार्च से ऑनलाइन पंजीयन शुरू कर दिया था लेकिन जयपुर क्षेत्र में अभी तक मात्र 5000 किसानों ने पंजीयन करवाया है। इसमें सरसों बेचने के लिए किसी किसान ने पंजीयन नहीं करवाया है। चना की फसल बेचने के लिए पंजीयन तो हुए हैं लेकिन किसान क्रय केन्द्र पर फसल लेकर नहीं पहुंच रहे हैं। राजफेड के जयपुर क्षेत्र के अधिकारियों का कहना है कि खुली मंडी में सरसों का मूल्य 6000 हजार से भी अधिक मिलने के कारण किसानों ने सरसों बेचने के लिए पंजीयन नहीं करवाया है। वहीं चने के मंडी भाव भी समर्थन मूल्य से कुछ ही कम चल रहे हैं। मंडी में इन दिनों चने के भाव 4800 से 5100 रुपए के बीच मिल रहे हैं।
ऐसे में किसानों को कुछ दिनों में मंडी में चने के भाव भी बढ़ने की आशा है। यही कारण है कि सरसों और चना की समर्थन मूल्य पर खरीद करने के लिए बनाए क्रय केन्द्रों पर किसान अपनी फसल नहीं ला रहे हैं। किसानों का मानना है कि 10 अप्रैल तक चने का भाव बढ़ने का इंतजार किया जाए। अगर भाव नहीं बढ़ेगा तो सरकारी क्रय केन्द्र पर बेच देंगे। राजफेड अधिकारियों के मुताबिक सरकार ने प्रदेश भर में चना के 635 और सरसों के 635 सहित कुल 1270 क्रय केंद्रों पर सरसों और चना की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू की है। किसान के पंजीयन ई-मित्र या संबंधित खरीद केंद्र पर करने की सुविधा दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि अगर खुली मंडी में सरसों के भाव 6000 से ज्यादा रहे तो किसान सरसों बेचने सरकारी केन्द्र पर नहीं आएंगे। मंडी में चने का मूल्य भी अभी स्थिर नहीं हुआ है। मूल्य स्थिर होने के बाद ही किसान अपनी फसल सरकारी क्रय केन्द्रों पर लाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकारी क्रय केन्द्रों पर जून महीने तक समर्थन मूल्य पर खरीद की जाएगी।

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