जीरे का छौंका पड़ेगा महंगा, 300 रुपए किलो तक जा सकते है दाम
देश में सरसों का उत्पादन 85 लाख मैट्रिक टनपिछले साल की तुलना में देश में सरसों का उत्पादन 85 लाख मैट्रिक टन के करीब हुआ था एवं इस समय सरसों का स्टॉक पड़ा है, जो कि 35 से 36 लाख मैट्रिक टन हैं। सरसों में पिछले एक माह में 750 रूपए प्रति क्विण्टल की मंदी आ गई। एक माह पूर्व सरसों का भाव 7000 रुपए 42 प्रतिशत तेल कंडीशन जयपुर डिलीवरी था, जो कि आज भाव 6250 रुपए प्रति क्विण्टल रह गया। भारत सरकार ने तेल तिलहन में स्टॉक सीमा लगा रखी है, जबकि गत वर्ष के मुकाबले सभी तेल तिलहन में 35 से 40 प्रतिशत की मंदी आ गई हैं। ऐसे समय में स्टॉक सीमा हटाने के लिए मोपा ने भारत सरकार को लिखा हैं कि वर्तमान में देश में 35 लाख मैट्रिक टन सरसों, 30 लाख मैट्रिक टन सोयाबीन एवं आने वाले दिनों में 120 लाख मैट्रिक टन सोयाबीन, 80 लाख मैट्रिक टन मूंगफली एवं अन्य तिलहन 20 से 25 लाख मैट्रिक टन कुल मिलाकर 300 लाख मैट्रिक टन के करीब तिलहन देश मे तैयार खड़ा हैं एवं दामों में भी भारी मंदी आ गई हैं ऐसे में समय रहते स्टॉक सीमा नहीं हटाई गई तो आने वाले समय में किसान का माल बहुत ही कम दाम में बाजार में बिकेगा, जिसका सीधा असर रबी की फसल पर पड़ेगा और एक बार किसान पुनः तिलहन की खेती से दूर हो जाएगा और हमें फिर विदेशी तेलों पर निर्भर रहना पड़ेगा।