Mustard oil: दिवाली से पहले महंगा होने लगा सरसों का तेल
जयपुरPublished: Oct 07, 2020 12:23:16 pm
खाना पकाने के लिए और उसके अलावा भी सरसों के तेल ( mustard oil ) के उपयोग को इम्युनिटी का निर्माण करने वाले पदार्थ के तौर पर कारगर बताया। कोरोना काल ( Corona era ) में बढ़ती खपत और 1 अक्टूबर 2020 को सरसों के तेल में ब्लेंडिंग पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद कीमतों में वृद्धि होना तय ( Diwali ) माना जा रहा है। अगर ऐसा हुआ तो आपकी रसोई का हर महीने का बजट बढ़ जाना भी तय है।
दिवाली से पहले महंगा होने लगा सरसों का तेल
जयपुर। खाना पकाने के लिए और उसके अलावा भी सरसों के तेल के उपयोग को इम्युनिटी का निर्माण करने वाले पदार्थ के तौर पर कारगर बताया। कोरोना काल में बढ़ती खपत और 1 अक्टूबर 2020 को सरसों के तेल में ब्लेंडिंग पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद कीमतों में वृद्धि होना तय माना जा रहा है। अगर ऐसा हुआ तो आपकी रसोई का हर महीने का बजट बढ़ जाना भी तय है। देश में पाम ऑयल पर लगी पाबंदियों के चलते जनवरी 2020 में ही सरसों के तेल के दामों में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई थी। इसके बाद लॉकडाउन में सरसों के तेल की की कीमत बढऩी जारी रही।
सरसों के तेल में ब्लेंडिंग बंद होने से एक तरफ उपभोक्ताओं को फायदा होगा तो कीमतें बढऩे से लोगों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। सरसों तेल कारोबारी अनिल चत्तर की मानें तो दिवाली और उसके बाद शादियों के सीजन के चलते अक्टूबर 2020 के आखिर और नवंबर की शुरुआत से सरसों के तेल की कीमतों में तेजी दिखाई देनी शुरू हो जाएगी। सरसों के तेल के खुदरा कारोबारियों का कहना है कि जनवरी 2020 में पाम ऑयल पर लगी पाबंदियों के चलते सरसों के तेल के दाम 120 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गए थे। एक साल पहले इसी तेल के दाम 80 से 105 रुपए प्रति लीटर तक थे।
जनवरी 2020 में लगा कि नई सरसों आने पर तेल के दाम घट जाएंगे। हालांकि, नई सरसों से कीमत घटने की उम्मीद पूरी होने ही वाली थी तो एक अच्छी और एक बुरी खबर के चलते दाम गिरने की कोई आस नहीं बची। बुरी खबर यह है कि सरसों का उत्पादन इस साल कम हुआ है। दूसरा यह कि सरसों के तेल में ब्लेंडिंग पर रोक लगा दी। अब तेल के दाम 130 से 150 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच चुके हैं।