मेरा पशु चिकित्सालय मेरा अभिमान: स्कूलों की तर्ज पर बदलेगी वेटरनरी हॉस्पिटल्स की दशा
ली जाएगी भामाशाहों की मदद
मेरा पशु चिकित्सालय मेरा अभिमान शुरू
दानदाताओं और प्रेरकों का होगा सम्मान
जयपुर, 8 अप्रेल
प्रदेश के सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने में विभाग के साथ ही भामाशाहों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भामाशाहों के योगदान के कारण सरकारी स्कूलों को अब निजी स्कूलों के समकक्ष माना जाने लगा है। स्कूलों में आए इस बदलाव को देखते हुए अब पशुपालन विभाग (Animal husbandry) भी इसी प्रक्रिया की तर्ज पर अपने वेटरनरी अस्पतालों की दशा सुधारने का प्रयास कर रहा है। विभाग ने इसके लिए 'मेरा पशु चिकित्सालय मेरा अभिमान' योजना ('My veterinary hospital my pride' scheme) शुरू की है। योजना के तहत प्रदेश में संचालित किए जा रहे पशु चिकित्सा संस्थाओं में रेफ्रिजेटर, टेबल, कुर्सी, कम्पयूटर आदि मूलभूत सुविधाओं के साथ ही इनमें रंगरोगन, मरम्मत आदि के लिए जन सहयोग लिया जाएगा। फिलहाल यह योजना 30 जून तक के लिए ही संचालित की गई है। यदि परिणाम अपेक्षा के अनुरूप मिलते हैं तो इसे आगे बढ़ाया जाएगा। योजना के तहत विभागीय अधिकारी और कार्मिक अपने क्षेत्र के भामाशाह, दानदाताओं, समाजसेवियों, गैर सरकारी संस्थाओं और अन्य पशुपालकों से सीधा सम्पर्क कर उन्हें पशु चिकित्सालयों में मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए प्रेरित किया जाएगा।
विभाग को देनी होगी सप्ताहिक रिपोर्ट
पशु चिकित्सालय प्रभारी को जन सहयोग से प्राप्त होने वाली सभी सुविधाओं की जानकारी संयुक्त निदेशक कार्यालय को देनी होगी। इसके बाद हर जिले की वीकली रिपोर्ट हर सोमवार को संभागीय अतिरिक्त निदेशक के माध्यम से निदेशालय को भेजी जाएगी।
दानदाता के साथ कार्मिक होंगे सम्मानित
इतना ही नहीं शिक्षा विभाग में जिस तरह से भामाशाहों को दान देने वाले भामाशाहरों और उन्हें प्रेरित करने वाले शिक्षकों को सम्मानित करता है ठीक उसी तरह से उसी तरह से पशुपालन विभाग भी दानदाताओं के साथ संस्था प्रभारियों को सम्मानित करेगा। विभाग जनसहयोग से सबसे अधिक सुविधाएं एकत्र करने वाले संस्था प्रभारियों को जिला स्तर पर सम्मानित किया जाएगा और सर्वश्रेष्ठ कार्मिक को निदेशालय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
इनका कहना है,
पशुचिकित्सालयों में मूलभूत सुविधाएं मिल सकें इसके लिए विभाग ने मेरा पशु चिकित्सालय, मेरा अभिमान योजना शुरू की है। दानदाता इन चिकित्सालयों के लिए डोनेट कर सकेंगे।
डॉ. वीरेंद्र सिंह, निदेशक,
पशुपालन विभाग।
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