नड्डा की महासचिवों के साथ पहली बैठक, सीएए पर चर्चा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद एक्शन मोड पर आ गए हैं। उन्होंने मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिवों की बैठक बुलाई जिसमें नागरिकता संशोधन कानून को लेकर समीक्षा की तथा इसे और गति देने के निर्देश दिए।
भाजपा अध्यक्ष नड्डा की महासचिवों के साथ पहली बैठक
जयपुर
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद एक्शन मोड पर आ गए हैं। उन्होंने मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिवों की बैठक बुलाई जिसमें नागरिकता संशोधन कानून को लेकर समीक्षा की तथा इसे और गति देने के निर्देश दिए।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद नड्डा की यह पहली बैठक थी। इसमें नड्डा ने सभी महासचिवों से उनके प्रभार वाले राज्यों में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अब तक किए गए जनजागरण, गोष्ठियां व आगामी कार्यक्रमों को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि इस मामले में केन्द्र सरकार एक इंच भी कदम पीछे नहीं हटाएगी। इसके चलते अब जनजागरण और तेज करना होगा। प्रत्येक घर में जाकर भाजपा कार्यकर्ताओं को यह समझाना होगा कि कांग्रेस सहित विपक्षी दल अपने मुस्लिम वोट बैंक के चलते इस मुद्दे को तूल देकर लोगों को भ्रमित करने के साथ ही देश का माहौल खराब कर रहे है।
नड्डा के कार्यकारी अध्यक्ष के रहते यह सवाल उठ रहे थे कि एक व्यक्ति एक पद की बात करने वाली भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सिद्धांत की अवहेलना कर रहे है। चंूकि शाह अभी केन्द्रीय गृहमंत्री है। इसलिए गत 17 जून को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का निर्णय किया गया था। तब रक्षा मंत्री और वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा था कि शाह गृहमंत्री है इसलिए उन्होंने यह पद किसी और को देने का आग्रह किया है। ऐसे में संसदीय बोर्ड में यह किया गया कि पार्टी की कमान अब नड्डा को सौंपने का निर्णय किया था। भाजपा के संविधान के मुताबिक 50 से अधिक राज्यों में संगठन चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है, ऐसे में पार्टी ने पिछले साल 18 सितंबर से संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू की थी। 15 दिसंबर तक संगठन चुनाव नहीं पूरा हुआ तो फिर 20 जनवरी की तिथि तय की गई। जब पार्टी संविधान के अनुसार 50 फीसदी से ज्यादा राज्यों में संगठन चुनाव हो गए तो 20 जनवरी को नड्डा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की प्रक्रिया पूरी की गई। नड्डा का पूरा ध्यान अब दिल्ली चुनाव के साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी पर है। वे चाहते हैं विपक्ष ने जिस सीएए को मुद्दा बनाकर लोगों को भ्रमित कर रहा है, भाजपा उसी मुद्दे पर केन्द्र सरकार की योजनाओं के दम पर दिल्ली में विधानसभा चुनाव जीते।