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पिता स्वयं पहुंचा शिकायत करने, कहा मेरी बेटी जिस कोचिंग में पढ़ती है, वहां हो रहा है ऐसा कुछ

locationजयपुरPublished: May 27, 2019 08:43:59 pm

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पिता स्वयं पहुंचा शिकायत करने, कहा मेरी बेटी जिस कोचिंग में पढ़ती है, वहां हो रहा है ऐसा कुछ

अश्विनी भदौरिया / जयपुर। सूरत की घटना दिल दहलाने वाली थी। परिजन अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। अजय प्रकाश माथुर सोमवार को सुबह नगर निगम पहुंचे और वहां पर अधिकारियों से कहा कि उनकी बेटी जहां पर कोचिंग में जाती है, वहां पर फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है। उन्होंने उस सेंटर पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को सूरत में हुई घटना के बाद से मैं चिंतित था और बेटी की सुरक्षा को लेकर परेशान भी था। मैंने कोचिंग में आकर देखा तो आग लगने की स्थिति में बाहर निकलने की कोई जगह ही नहीं थी। वे चाहते हैं कि शहर की सभी कोचिंग सेंटरों में फायर फाइटिंग सिस्टम सही से विकसित हो।
सूरत की घटना के तीन दिन बाद निगम की टीम ने सोमवार को शहर के 10 कोचिंग संस्थानों का दौरा किया। कई कोचिंग संस्थानों में लगे फायर सिलेंडर की वैधता समाप्त हो चुकी थी। इतना ही नहीं कई कोचिंग में आग लगने की स्थिति में बाहर निकलने का रास्ता तक नहीं था। अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान न कोई निर्देश दिए और कोई सख्ती दिखाई। जबकि स्थिति यह थी कोचिंग सेंटरों में दो से चार साल पुरान फायर सिलेंडर लगे हुए थे।
आंखों देखा हाल
निगम मुख्यालय के सामने पैरामाउंट कोचिंग सेंटर से निगम की टीम ने निरीक्षण शुरू किया। यहां पर बेसमेंट में कई क्लासेज चल रही थीं। फायर सिलेंडर एक्सपायरी डेट का था। इसके अलावा यहां अलग-अलग क्लासेज को बनाने के लिए प्लाईवुड का इस्तेमाल किया गया था। अपेक्स मॉल की विजन एकेडमी के पास न तो फायर एनओसी नहीं मिली। कुछ ऐसा ही हाल सहकार मार्ग स्थित चाणक्य आईएएस एकेडमी में देखने को मिला। यहां पर आग लगने की स्थिति में बाहर जाने का कोई रास्ता ही नहीं था।
ये तो करते ही
सूरत में घटना के तीन दिन बाद भी अधिकतर कोचिंग संस्थानों ने गंभीरता नहीं दिखाई। सतर्कता शाखा को नोटिस देकर तय समय में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए कहना था, लेकिन ऐसा नहीं किया और पहले दिन का दौरा सिर्फ खानापूर्ति ही साबित हुआ।

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