निगम मुख्यालय के सामने पैरामाउंट कोचिंग सेंटर से निगम की टीम ने निरीक्षण शुरू किया। यहां पर बेसमेंट में कई क्लासेज चल रही थीं। फायर सिलेंडर एक्सपायरी डेट का था। इसके अलावा यहां अलग-अलग क्लासेज को बनाने के लिए प्लाईवुड का इस्तेमाल किया गया था। अपेक्स मॉल की विजन एकेडमी के पास न तो फायर एनओसी नहीं मिली। कुछ ऐसा ही हाल सहकार मार्ग स्थित चाणक्य आईएएस एकेडमी में देखने को मिला। यहां पर आग लगने की स्थिति में बाहर जाने का कोई रास्ता ही नहीं था।
सूरत में घटना के तीन दिन बाद भी अधिकतर कोचिंग संस्थानों ने गंभीरता नहीं दिखाई। सतर्कता शाखा को नोटिस देकर तय समय में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए कहना था, लेकिन ऐसा नहीं किया और पहले दिन का दौरा सिर्फ खानापूर्ति ही साबित हुआ।