निगम प्रशासन व कंपनियों ने सफाई कर्मियों का हक नहीं दिया
सफाई कर्मचारियों की पीएफ (भविष्य निधि) राशि हड़पने के नगर निगम के कथित मामले पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने भी मुहर लगा दी है। संगठन की जांच में सामने आया है कि निगम प्रशासन और अनुबंधित कंपनियों ने सफाई कर्मचारियों का हक नहीं दिया। इसमें 4 हजार से ज्यादा सफाईकर्मी शामिल हैं।
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अब देनें होंगे 22,94,85,016 रुपए
अंतरिम आदेश के तहत अब 22,94,85,016 रुपए अगले 15 दिन में जमा कराने होंगे। ऐसा नहीं करने पर निगम के खाते सीज कर संपत्ति तक कुर्क की जा सकती है। इसमें सीधे तौर पर 7 ठेकेदार कंपनियों को दोषी माना गया है। चूंकि, निगम मुख्य एजेंसी रही है, इसलिए जिम्मेदारी निगम की तय की गई है। इस आदेश ने निगम प्रशासन की सांस फुला दी है।
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पूर्व महापौर ज्योति खण्डेलवाल ने की थी शिकायत
पूर्व महापौर ज्योति खण्डेलवाल की शिकायत पर जांच के बाद यह आदेश दिया गया है। खण्डेलवाल ने दावा किया है कि संगठन की ओर से देश में पहली बार बतौर पीएफ इनती बड़ी राशि की बकाया वसूली के आदेश दिए गए हैं। अब इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। हालांकि, अभी जांच प्रक्रिया चल रही है, जिसमें ब्याज राशि व अन्य श्रमिकों के मामले में और ज्यादा रोकड़ निकलने और दूसरी ठेकेदार फर्में भी दायरे में आ सकती हैं।