पार्टी सूत्रों की मानें तो संगठन की पूरी नजर महापौर के कामकाज पर है। इस बार संगठन विवाद से बचना चाहता है। इस सीधा असर शुक्रवार की स्वच्छता सर्वेक्षण की बैठक में देखने को मिला। दरअसल इस बैठक में सीएसआई, एसआई और संबंधित अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था। तीनों सफाई समिति चेयरमैन और उप महापौर का इसमें नाम नहीं था। जबकि सफाई की बैठक में चेयरमैनों को नहीं बुलाना हास्यास्पद था। इसके पीछे महापौर के एक नजदीकी सफाई चेयरमैन के शामिल नहीं होने को वजह मानी जा रही थी। मगर बात संगठन तक पहुंचे तो वहां से महापौर को निर्देश दिए गए कि सफाई समिति चेयरमैन और उप महापौर को भी बैठक में बुलाया जाए। ऐसे में ऐनवक्त पर चारों को फोन करके बैठक में आमंत्रित किया गया। जबकि आधिकारिक सूची में इन लोगों का नाम शामिल नहीं किया गया।
बयानबाजी पर भी पूरी नजर दोबारा महापौर पद ग्रहण करने के बाद सौम्या गुर्जर पर पार्टी ने पूरी नजर बना रखी है। उनकी बयानबाजी पर पार्टी नजरें रखे हुए हैं। यही वजह है कि महापौर इन दिनों संतुलित तरीके से अपनी बात को रख रही हैं। संगठन ने महापौर को सभी पार्षदों और चेयरमैन को साथ लेकर चलने के निर्देश दे रखे हैं। हालांकि सभी को साथ लेकर चलने में अभी थोड़ा वक्त लग सकता है।