जयपुर

Forest Department Rajasthan : नाहरगढ़, जमवारामगढ़ वन्यजीव अभ्यारणय ‘Eco Sensitive Zone’ घोषित

– केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
 

जयपुरDec 26, 2019 / 10:21 am

Pawan kumar

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जयपुर। राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारणय और जमवारामगढ़ वन्यजीव अभ्यारणय को ‘इको सेन्सिटिव जोन’ घोषित किया गया है। केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। साथ ही नाहरगढ़ और जमवारामगढ़ में इको सेन्सिटिव जोन की मॉनिटरिंग के लिए कमेटी का गठन भी किया गया है। यह कमेटी इको सेन्सिटिव जोन में प्रतिबंधित गतिविधियों की मॉनिटरिंग करेगी।
जानकारी के अनुसार नाहरगढ़ अभ्यारणय में पारिस्थितिकी पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों की मॉनिटरिंग का जिम्मा पर्यटन विभाग राजस्थान, वन एवं पर्यावरण विभाग राजस्थान, जयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम जयपुर और आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपा गया है। पारिस्थितिकी पर्यटन से जुड़े विभाग नाहरगढ़ अभ्यारणय में वन्यजीवों या नाहरगढ़ वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों की रोकथाम के लिए भी काम करेंगे।

इको सेन्सिटिव जोन का ये होगा असर
नाहरगढ़ और जमवारामगढ़ वन्यजीव अभ्यारणय के इको सेन्सिटिव जोन घोषित होने का असर ये होगा कि अब यहां पर वन क्षेत्र और वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने की गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। साथ ही वन क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण पर रोक रहेगी। नाहरगढ़ और जमवारामगढ़ में पर्यावरणीय पारिस्थितिकी को बेहतर बनाने के लिए गतिविधियां शुरू हो सकेंगी। वन संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। अब राज्य सरकार और वन विभाग को नाहरगढ़ वन क्षेत्र और जमवारामगढ़ अभ्यारणय में पारिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखने पर ज्यादा ध्यान देना होगा। साथ ही इको सेन्सिटिव जोन में वन्यजीवों की सुरक्षा पर फोकस ज्यादा रहेगा। नाहरगढ़ की पहाड़ियों और जमवारामगढ़ के पहाड़ी क्षेत्र में इन्सानी दखल कम होने से वन्यजीवों को इसका फायदा होगा। इको सेन्सिटिव जोन में वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक रहेगी। राज्य वन विभाग के साथ—साथ केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से भी वन क्षेत्र संरक्षण एवं विस्तार में सहयोग मिलेगा।
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