नाम स्थानीय भाषा में राज्य सचिवालय में बुधवार को उच्च पदस्थ अधिकारियों की आपात बैठक और कलक्टरों के साथ आभासी बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल की आवास योजना कवि गुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर के बंगाल की हवा और पानी की थीम पर आधारित है। समूचे भारत में जो भी योजनाएं लागू हैं । बंगाल में उनके नाम स्थानीय भाषा में रखे जाते हैं, क्योंकि प्रत्येक राज्य की अलग भाषा और बोली है। बंगाल के लोगों तक जानकारी पहुंचाने के लिए केन्द्रीय योजनाओं के नाम बदलना एक अनूठा तरीका है। उन्होंने यह टिप्पणी नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर उत्तर दिनाजपुर के कलक्टर अरविंद कुमार मीणा पर केंद्रीय योजनाओं के नाम बदलने का आरोप लगाया था।
राज्यों से आया केन्द्र के पास पैसा नाम लिए भाजपा पर तीखा वार करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि कुछ लोग यह कहकर गर्व की अनुभव करते हैं कि ये केन्द्र के पैसे हैं। लेकिन केन्द्र के पास पैसे आते कहां से हैं। केन्द्र बंगाल से 75 फीसदी टैक्स वसूलता है और वापसी में राज्य को सिर्फ 25 प्रतिशत मिलता है। मैंने केन्द्र से बंगाल को 50 प्रतिशत टैक्स वापस देने की मांग की। लेकिन केन्द्र नहीं माना। केन्द्र सरकार 75 प्रतिशत टैक्स भी ले और राज्य पर सब कुछ करने की जिम्मेदारी थोप दे। ये नहीं चलेगा।
केंद्र लूटे और हम वैट कम करें: ममता कोलकाता. लोगों को राहत देने के लिए राज्य सरकारों को पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने की केंद्र की नसीहत पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा वार किया है। उन्होंने बुधवार को राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा कि केंद्र ने तो कीमतें बढ़ा दी है और पीएम मोदी राज्यों से वैट कम करने का आग्रह कर रहे हैं। यह भ्रामक है। केन्द्र सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाकर पैसे लूट रही है और हम वैट कम करके पेट्रोलियम पद्धार्थ की कीमतों में छूट दें। ये कहां का न्याय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक तरफा बात नहीं कर सकते।
बोलने का मौका नहीं मिला ममता ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर बुलाई गई बैठक में पीएम मोदी के अलावा किसी को भी बोलने का मौका नहीं मिला। वे अपने एजेंडे के मुताबिक काम कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने कोरोना महामारी की चौथी लहर से निपटने को लेकर आयोजित वर्चुअल बैठक में सभी राज्यों से पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम करने का आग्रह किया।
केन्द्र का सौतेला व्यवहार ममता ने कहा कि केंद्र भाजपा शासित राज्यों को काफी पैसे देता है, लेकिन गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करता है। भाजपा शासित राज्यों को गैर भाजपा शासित राज्यों के मुकाबले विभिन्न योजनाओं के मद में 50 प्रतिशत अधिक पैसे मिलते हैं। केन्द्र को उन्हें 4000 से 5000 करोड़ रुपए देने में कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन गैर भाजपा शासित राज्यों को वे पैसे नहीं देते । केन्द्र पर बंगाल सरकार का करीब 91000 करोड़ रुपए बकाया है। अगर केन्द्र इसमें से 50000 करोड़ रुपए भी दे दे तो हम बहुत कुछ कर लेंगे।