एक जुलाई को भारत में ‘डॉक्टर्स डे’ सेलिब्रेट किया जाता है। भारत के मशहूर चिकित्सक डॉ. बिधान चन्द्र रॉय को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘डॉक्टर्स डे 2020’ मनाया जाता है। राष्ट्रीय चिकित्सीय दिवस के रुप में हर वर्ष एक जुलाई को मनाए जाने के लिए 1991 में केन्द्र सरकार ने डॉक्टर दिवस की स्थापना की थी। भारत के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ बिधान चन्द्र रॉय को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए हर वर्ष एक जुलाई को उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर इसे मनाया जाता है। डॉ बिधान चन्द्र रॉय को 4 फरवरी 1961 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।
डॉक्टर्स जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे मरीजों का न सिर्फ इलाज करते हैं, बल्कि उन्हें एक नया जीवन भी देते हैं. इसलिए उन्हें धरती पर भगवान का रूप कहा जाता है। डॉक्टर्स कई लोगों को उनकी जिंदगी वापस लौटाते हैं। बदलते खान—पान और जीवन शैली के कारण कई नए रोगों ने जन्म ले लिया है। ऐसे में मरीजों का उपचार करना डॉक्टर्स के लिए किसी चुनौति से कम नहीं है। सरकारी क्षेत्र में संसाधनों की अभी भी काफी कमी बनी हुई है। ऐसे में मरीजों का उपचार करते समय डॉक्टरों को और भी परेशानी उठानी पड़ती है।
डॉक्टर्स डे पर डॉक्टरों ने भी यहीं संदेश दिया है कि वे हर संभव तरीके से उपचार कर मरीजों का निराश नहीं होने देंगे। इसी प्रकार मरीजों और उनके परिजनों को भी अपने व्यवहार से डॉक्टरों का दिल जीतना जरूरी है। सही मायने में तभी डॉक्टर्स और मरीजों के रिश्तों को मजबूती मिलेगी।
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— डॉ अजीत सिंह शक्तावत, एसएमएस अस्पताल
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वैश्वीक महामारी में आज मरीज डॉक्टर के पास जाने में डर रहा है, ऐसे में बीमारियों को लेकर सजक रहना जरूरी है। डॉक्टर्स अपनी जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभा रहे हैं। इस वर्ष डॉक्टर्स डे पर यह वचन लें कि जल्द से जल्द कोरोना पर जीत हासिल कर देश को बचाएंगे। डॉक्टर्स और मरीजों के बीच आपसी तालमेर से काफी सारी परेशानियां खत्म हो जाती है
— डॉ शालिनी राठौड, इंचार्ज कोविट वार्ड, महिला चिकित्सालय