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प्रदूषण घोल रहा आपकी जिंदगी में जहर, विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में भारत के सबसे अधिक

locationजयपुरPublished: Dec 02, 2019 08:04:02 am

Submitted by:

Kartik Sharma

National Pollution Control Day 2019 : 2 दिसंबर आज राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस है और जिस तरह से पिछले एक महीने में ( RAJASTHAN AIR POLLUTION ) राजस्थान सहित देश के अन्य राज्यों में प्रदूषण का स्तर रहा है वो हमारे लिए चिंता का विषय है । खासकर ( HEALTH NEWS IN HINDI ) हमारे स्वास्थ्य के लिए । चिंता और भी अधिक हो जाती है जब विश्व के सर्वाधिक 20 प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में हैं।

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National Pollution Control Day 2019 : 2 दिसंबर आज राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस है और जिस तरह से पिछले एक महीने में ( RAJASTHAN Air Pollution ) राजस्थान सहित देश के अन्य राज्यों में प्रदूषण का स्तर रहा है वो हमारे लिए चिंता का विषय है । खासकर ( Health news IN HINDI ) हमारे स्वास्थ्य के लिए । चिंता और भी अधिक हो जाती है जब विश्व के सर्वाधिक 20 प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक वायु प्रदूषण से हृदय रोग, सांस संबंधी बीमारियों और कैंसर का गहरा नाता है । विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने भी यह बात कही है कि भारत में वायु प्रदुषण सुरक्षित मानकों से बहुत ज्यादा होता है । हवा में फैले जहरीले सूक्ष्म कण सांस के द्वारा शरीर में प्रवेश करते हैं, इससे कैंसर, पार्किंसन, हार्ट अटैक, सांस की तकली़फ जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे के अलावा खांसी, आंखों में जलन, एलर्जी जैसी तकलीफें भी होती हैं । सूक्ष्म कण पदार्थ यानि पार्टिकुलेट मैटर ऐसे बारीक तत्व होते हैं जो आपकी सांस के साथ सांस की नली से दिल, फेफड़े, और दिमाग की कोशिकाओं में जाकर उन्हें बीमारी से ग्रसित कर देते हैं ।
प्रदूषित हवा से कई बीमारियों का खतरा
इधर बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर से सांस और आंखों के रोग से संबंधित मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। डॉक्टरों का कहना है लंबे समय तक प्रदूषित हवा के संपर्क में रहने से स्ट्रोक यानी लकवे का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
अस्थमा
प्रदूषित हवा के कारण अस्थमा रोगियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । अस्थमा पीड़ित रोगियों को प्रदूषित हवा के कारण सांस की नली में सूजन आ जाती है, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए खतरनाक
यह हवा केवल आम लोगों को ही नहीं बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए भी बेहद खतरनाक है । नवजात शिशुओं में वायु प्रदुषण के कारण कई तरह के डिफेक्ट्स होने का खतरा रहता है ।
ऐसे रखें ध्यान
रोगी, बच्चे और बुजुर्ग लोग, जो बीमारी से संबंधित जीवन शैली के आदी है, उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं इन लोगों को अत्यधिक प्रदूषित वातावरण में लंबे समय तक नहीं रहना चाहिए तथा मास्क पहनना चाहिए । इसके अलावा उन्हें अत्यधिक व्यापक बाहरी गतिविधियों से भी बचना चाहिए जब भी वे घर से बाहर निकले तो उन्हें चेहरे और सिर को ढंक कर बाहर निकलना चाहिए । सूर्य के प्रकाश से आंखों की रक्षा करने के लिए धूप का चश्मा इस्तेमाल करना चाहिए ।
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