इधर बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर से सांस और आंखों के रोग से संबंधित मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। डॉक्टरों का कहना है लंबे समय तक प्रदूषित हवा के संपर्क में रहने से स्ट्रोक यानी लकवे का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
प्रदूषित हवा के कारण अस्थमा रोगियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । अस्थमा पीड़ित रोगियों को प्रदूषित हवा के कारण सांस की नली में सूजन आ जाती है, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
यह हवा केवल आम लोगों को ही नहीं बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए भी बेहद खतरनाक है । नवजात शिशुओं में वायु प्रदुषण के कारण कई तरह के डिफेक्ट्स होने का खतरा रहता है ।
रोगी, बच्चे और बुजुर्ग लोग, जो बीमारी से संबंधित जीवन शैली के आदी है, उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं इन लोगों को अत्यधिक प्रदूषित वातावरण में लंबे समय तक नहीं रहना चाहिए तथा मास्क पहनना चाहिए । इसके अलावा उन्हें अत्यधिक व्यापक बाहरी गतिविधियों से भी बचना चाहिए जब भी वे घर से बाहर निकले तो उन्हें चेहरे और सिर को ढंक कर बाहर निकलना चाहिए । सूर्य के प्रकाश से आंखों की रक्षा करने के लिए धूप का चश्मा इस्तेमाल करना चाहिए ।