एनएससीएल के लिए 20 शहरों में ट्रायल्स का आयोजन होगा और इसके माध्यम से 16 शहरों की टीम बनाई जाएगी, जो एनएससीएल में हिस्सा लेगी। लीग में हिस्सा लेने वाली टीमों को चार-चार के चार ग्रुप में बांटा जाएगा। एनएससीएल में देश की श्रेष्ठ प्रतिभाएं हिस्सा ले सकें और अधिक से अधिक खिलाड़ियों को ट्रायल्स में शरीक होने का मौका मिले, इसके लिए यह तय किया गया है कि हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर के स्कूली छात्र भी चंडीगढ़ में लगने वाले ट्रायल्स में शरीक हो सकते हैं। यही नहीं, जयपुर में होने वाले ट्रायल्स में राजस्थान, हरियाणा और उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों के स्कूली छात्र हिस्सा ले सकते हैं।
कोई भौगोलिक सीमा तय नहीं
एसजीएफआई के संयुक्त सचिव प्रदीप मिश्रा ने कहा, ‘हमने ट्रायल्स के लिए कोई भौगोलिक सीमा तय नहीं की है।’ मेंटॉर वेंगसरकर ने जमीनी स्तर पर प्रतिभा तलाशने की जिम्मेदारी को लेकर कहा, ‘अधिक से अधिक छात्रों के ट्रायल्स में हिस्सा लेने से चयन समिति में शामिल लोगों को बेहतरीन टीम चुनने में मदद मिलेगी। मैं चयनित खिलाड़ियों पर नजर रखूंगा और उनके साथ कैम्प में 10 दिनों तक काम करूंगा।’
एनएससीएल के पहले संस्करण में शामिल 16 टीमों को चार-चार के चार ग्रुप में बांटा जाएगा और प्रत्येक ग्रुप से दो टीमें नॉकआउट दौर में जाएंगी। इसके बाद वेंगसरकर राष्ट्रीय कैम्प के लिए 24 खिलाड़ियों का चयन करेंगे। ये खिलाड़ी किसी भी टीम के हो सकते हैं। अगर कोई टीम पहले दौर में हार जाती है और उसका कोई खिलाड़ी बेहतरीन प्रदर्शन कर अपना दावा पेश करता है तो उसका चयन हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा। 24 में से अंतिम रूप से 16 खिलाड़ियों का चयन होगा, जो आईसीसी अकादमी में देश के लिए खेलेंगे।