जयपुर

गजानन महाराज का हुआ पुष्य अभिषेक

नवसंवत्सर (Nav Samvatsar) के पहले पुष्य नक्षत्र (Pushya nakshatra) पर शुक्रवार को शहर के गणेशजी मंदिरों में गजानन महाराज का पुष्य अभिषेक किया गया। मोती डूंगरी गणेशजी सहित अन्य मंदिरों में गणेशजी महाराज का पंचामृत और दुग्धाभिषेक किया गया। हालांकि मंदिरों में दर्शनार्थियों के लिए प्रवेश बंद रहे।

जयपुरApr 03, 2020 / 04:43 pm

Girraj Sharma

गजानन महाराज का हुआ पुष्य अभिषेक

गजानन महाराज का हुआ पुष्य अभिषेक
— मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में हुए आयोजन
— मंदिरों में लोगों का प्रवेश रहा बंद
जयपुर। नवसंवत्सर (Nav Samvatsar) के पहले पुष्य नक्षत्र (Pushya nakshatra) पर शुक्रवार को शहर के गणेशजी मंदिरों में गजानन महाराज का पुष्य अभिषेक किया गया। मोती डूंगरी गणेशजी सहित अन्य मंदिरों में गणेशजी महाराज का पंचामृत और दुग्धाभिषेक किया गया। हालांकि मंदिरों में दर्शनार्थियों के लिए प्रवेश बंद रहे।
मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में गजानन महाराज का पुष्य अभिषेक किया गया। गणेशजी महाराज का 251 किलो दूध, 21 किलो दही, सवा पांच किलो घी, 21 किलो बूरा, शहद व केवडा जल से पंचामृत अभिषेक किया गया। इसके बाद गंगाजल से शुदृध स्नान कराया गया। गजानन महाराज को मोदक अर्पित किए गए। वहीं चांदपोल बाहर स्थित परकोटे वाले गणेशजी महाराज का भी पुष्य अभिषेक किया गया। गणेशजी महाराज का मंत्रोच्चारण के बीच दूध, दही, घी, शहद, बूरा, गुलाब जल और अनेक द्रव्यों से महास्नान कराया गया। इसके बाद गजानन महाराज को नवीन पोशाक धारण करवाई गई। मंदिर प्रवक्ता अमित शर्मा ने बताया कि मंदिर में गणपति स्त्रोत अष्टोत्तरशतनाम के पाठ किए गए। भक्तों के लिए मंदिर में प्रवेश पर रोक रही। शहर के अन्य गणेशजी मंदिरों भी गजानन महाराज का पुष्य अभिषेक किया गया।

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