जयपुरPublished: Sep 24, 2017 09:01:17 pm
vinod sharma
कुछ देर बाद धड़ ज्वाला माता के कदमों में आ गिरा। तब से ही राज परिवार भक्तों का पाग बंधाकर सम्मान करता है।
ज्वाला माता मन्दिर के नीचे लांगुरिया बलबीर ऊंचे चबूतरे पर विराजमान है। यात्रियों को सर्वप्रथम इन्हीं के दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है। इसके आगे झांपडला बाबा है यह स्थान मन्दिर के पीछे देवी प्रकट के समय पर्वत की फटी हुई चट्टान के पास है, इसे प्रेत बाबा भी कहते हैं। झांपडला बाबा के ठीक सामने शिवालय है इसका निर्माण स्व. रावल नरेन्द्रसिंह ने कराया था। यहां पर भक्तगण मन्नत के रूप में बच्चों का मुण्डन संस्कार माता के मन्दिर में सम्पन्न कराते हैं।